20 विधायकों की सदस्यता जाने पर चुनाव आयोग पर आप का तीखा हमला- मुख्य चुनाव आयुक्त ज्योति पीएम मोदी का कर्ज चुका रहे हैं

चुनाव आयोग ने लाभ के पद के आरोप में आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को अयोग्य करार देने का फैसला लिया है. इस मामले पर एक प्रेस कांफ्रेस में सफाई देते हुए आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सचिव रह चुके CEC अचल कुमार ज्योति उनका कर्ज चुका रहे हैं’

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20 विधायकों की सदस्यता जाने पर चुनाव आयोग पर आप का तीखा हमला- मुख्य चुनाव आयुक्त ज्योति पीएम मोदी का कर्ज चुका रहे हैं

Aanchal Pandey

  • January 19, 2018 4:59 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्ली. चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का आरोपी मानते हुए उन्हें अयोग्य करार देने का फैसला किया है. इस बीच आम आदमी पार्टी ने पूरे मामले पर सफाई दी है. आप के विधायक सौरभ भारद्वाज ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि उन्हें इस बारे में अभी कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है. बल्कि ये सभी सूचनाएं मीडिया के हवाले से मिल रही हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग जैसे संवैधानिक संस्थान को गिरवी रखकर  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सचिव रह चुके मुख्य चुनाव आयुक्त अचल कुमार ज्योति उनका का कर्ज चुका रहे हैं.’ दरअसल आप ने इन 21 विधायकों संसदीय सचिव भी नियुक्त कर दिया था. इसपर चुनाव आयोग ने पार्टी को नोटिस भेजकर पूछा था कि विधायक रहते हुए इनकी संसदीय सचिव के पद पर नियुक्ति लाभ का पद आखिर क्यों नहीं है और ऐसे में उनकी विधायकी को क्यों रद्द न किया जाए? इस मामले पर आज चुनाव आयोग की बैठक हुई जिसके बाद इसकी रिपोर्ट राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेजी गई है. अब राष्ट्रपति को आप के इन 20 विधायकों की विधायकी पर फैसला करना है. गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी ने 13 मार्च 2015 को अपने 21 विधायकों को संसदीय सचिव का पद दिया था. जिसके बाद प्रशांत पटेल ने राष्ट्रपति के पास इन सचिवों की सदस्यता रद्द करने के लिए कहा था. तब जरनैल सिंह के पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए राजौरी गार्डन के विधायक के रूप में इस्तीफा देने के साथ उनके खिलाफ कार्यवाही बंद कर दी गई.

आम आदमी पार्टी की ओर से मामले में सौरभ भारद्वाज ने सफाई में कहा कि-  उन्हें इस बारे में अभी कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है. बल्कि ये सभी सूचनाएं मीडिया के हवाले से मिल रही हैं. भारद्वाज ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया है कि उन्होंने आप के किसी विधायक का पक्ष नहीं सुना है. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि ‘क्या कभी इन विधायकों के क्षेत्र में किसी ने देखा हो कि इनके पास सरकारी गाड़ी है, सरकारी बंगला है या किसी का बैंक स्टेटमेंट देखा है? अभी तक सिर्फ ये सुनवाई हुई है कि हाईकोर्ट ने कहा था कि ये लोग कभी लाभ के पद पर थे या नहीं.’ उन्होंने कहा कि ‘राष्ट्रपति महोदय को AAP के 21 विधायकों की रिपोर्ट भेजी गयी है, अभी इसपर कोई खबर नहीं है, सब सूत्रों के हवाले से खबर आ रही हैं.’

साथ ही उन्होंने कहा कि ’23 जनवरी को CEC ज्योति साहब का जन्मदिन है, उस दिन वो 65 साल के हो जाएंगे, 65 साल के बाद वे CEC नहीं रहेंगे, इस मामले की तीन लोगों ने सुनवाई की थी, 2 लोगों ने अपने आप को अलग कर दिया है’. भारद्वाज ने कहा कि ‘जब माननीय उच्च न्यायलय ने यह कह दिया था कि ये लोग संसदीय सचिव थे ही नहीं तो उस पर EC जांच कैसे कर सकता है, EC जैसे संवैधानिक संस्थान को गिरवी रखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सचिव रह चुके CEC अचल कुमार ज्योति उनका कर्ज चुका रहे हैं’.उन्हें  इन सभी बातों को चुनाव आयोग के सामने रखना था लेकिन इसपर सुनवाई किए बगैर ही आयोग ने राष्ट्रपति को अपनी सिफारिश भेज दी. उन्होंने कहा कि आयोग ने कहा था कि वह मामले में सुनवाई करेगा और जिस आदमी के ऊपर मुकदमा चल रहा है उनको अपनी बात रखने का एक मौका दिया जाएगा लेकिन अभी तक इलेक्शन कमीशन में इस बारे में कोई सुनवाई नहीं हुई. किसी संसदीय सचिव को वेतन नहीं, किसी संसदीय सचिव को घर नहीं, कोई लाभ नहीं दिया तो लाभ का पद कैसे?

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