नई दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर बाहरी के मुद्दे पर बयान देकर राजनीति को गर्मा दिया है. सीएम केजरीवाल ने सोमवार को राजधानी के अस्पतालों का गुणगान करते हुए कह दिया कि यहां के अस्पतालों में बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों की भीड़ ज्यादा है. दूसरे राज्यों के लोग यहां इलाज कराने आते हैं इसलिए दिल्ली के लोगों को अस्पतालों में लाइन में लगना पड़ रहा है. इससे पहले भी केजरीवाल ने एनआरसी के मुद्दे पर बात करते हुए दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी को बाहरी बताया था. केजरीवाल के ताजा बयान के बाद एक बार फिर मनोज तिवारी समेत बीजेपी ने मोर्चा खोल दिया है. वहीं सोशल मीडिया पर कई नेताओं और लोगों ने दिल्ली सीएम के इस बयान की भर्त्सना की है. तिवारी का कहना है कि केजरीवाल यह कहना चाहते हैं कि
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने बयान में कहा कि बिहार से एक व्यक्ति 500 रुपये का टिकट लेकर दिल्ली पहुंच जाता है. 5 लाख रुपये का मुफ्त इलाज कराकर वह खुशी-खुशी अपने घर लौट जाता है. हालांकि हमें खुशी है कि वे भी हमारे देश के ही लोग हैं लेकिन दिल्ली में भी जनता की भरमार है. दिल्ली पूरे देश के इलाज का जिम्मा कैसे उठा सकती है?
इसके जवाब में मनोज तिवारी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल का यह बयान पूर्वांचल के लोगों के प्रति नफरत को दर्शाता है. कभी एनआरसी तो कभी अस्पताल के मुद्दे पर ऐसे बयान देना अमानवीय है. जनता उन्हें माफ नहीं करेगी.
राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा का कहना है कि दिल्ली में बहुत सारी सुविधा है लेकिन उसके बनने और उसकी बनावट में बिहारियों का भी योगदान है.
दिल्ली के पूर्व मुख्यमत्री मदनलाल खुराना के बेटे हरीश खुराना ने केजरीवाल पर तीखा पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली क्या तुम्हारी बपोति है? आपको पूर्वांचली लोगों से इतनी नफरत क्यों है. ऐसी घटिया सोच रखने के लिए शर्म आनी .चाहिए. यदि बाहरी लोगों से दिल्ली वालों को इतनी समस्या है तो केजरीवाल को भी दिल्ली छोड़ देनी चाहिए.
आम आदमी पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए कपिल मिश्रा का कहना है कि केजरीवाल के मन में यूपी बिहार के लोगों के प्रति धृणा बसी हुई है और यही घृणा उनके बयानों में झलक रही है. 5 साल में दिल्ली में एक भी अस्पताल नहीं बना, कल भी बस एक चुनावी शिलान्यास किया, उसमें भी यूपी बिहार के लोगों का अपमान कर दिया. अहंकार ने केजरीवाल को बदतमीज बना दिया है.
कपिल मिश्रा ने कहा कि खुद अरविंद केजरीवाल खुद अपनी जेब में 500 रुपये लेकर आए और दिल्ली के मुख्यमंत्री बन गए. अब इन्हें दिल्ली आकर आयुष्मान योजना से इलाज करवाने वालों से नफरत क्यों है? दिल्ली सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों में न तो आयुष्मान भारत योजना लागू है और नए अस्पपताल बनाए गए हैं. केंद्र सरकार के अस्पतालों में बाहर से आकर लोग इलाज करा रहे हैं तो केजरीवाल के पेट में क्यों दर्द हो रहा है.
दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता तजिंदर सिंह बग्गा ने सीएम अरविंद केजरीवाल पर पलटवार करते हुए कहा कि दिल्ली आपके बाप की नहीं है. दिल्ली देश की राजधानी है और इसमें बिहार, यूपी के लोगों का भी उतना हक है जितना आपका है. दिल्ली किसी अकेले ने नहीं बनाई.
आम आदमी पार्टी छोड़कर कांग्रेस में गईं अलका लांबा का कहना है कि आज जब आज जब केजरीवाल सरकार की चुनाव से पहले पोल खुलनी शुरू हुई तो उन्होंने ठीकरा बाहर के लोगों पर फोड़ना शुरू कर दिया. उन्होंने बताया कि, ”जब मैंने सदन में यह बात कही की दिल्ली के लोगों को दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में सरकार की योजनाओं का कोई लाभ नहीं मिल रहा है, तब सबूत देने के बाद भी मुझे सदन से बाहर करवा दिया गया”.
अरविंद केजरीवाल के बाहरी वाले बयान पर आम जनता में भी गुस्सा-
सीएम केजरीवाल के बाहरी लोगों से घृणा वाले बयान पर बीजेपी और कांग्रेस पार्टी के नेता ही नहीं बल्कि आम लोगों में भी गुस्सा फूट पड़ा है. लोग ट्विटर समेत अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपनी राय रख केजरीवाल के खिलाफ अपना रोष प्रकट कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि यूपी-बिहार के लोगों ने ही पिछले चुनाव में दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनाने में मदद की थी. केजरीवाल खुद बाहर से आकर दिल्ली में बसे हैं. दिल्ली पूरे देश की राजधानी है इसलिए उन्हें यूपी-बिहार, पूर्वांचल के लोगों के प्रति ऐसा घृणा से भरा बयान नहीं देना चाहिए. लोगों का कहना है कि केजरीवाल दिल्ली के राज ठाकरे बन रहे हैं.
आम आदमी पार्टी ने मोदी सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा-
एक तरफ जहां दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल के बाहरी वाले बयान को लेकर दिल्ली की राजनीति फिर गर्मा गई है, वहीं दूसरी तरफ आप नेताओं ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. आप नेता संजय सिंह ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि आयुष्मान योजना के तहत प्राइवेट अस्पतालों में इलाज देने के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे थे उसका क्या हुआ? लोगों को इलाज कहां मिल रहा है?
उन्होंने कहा कि जो पार्टी महाराष्ट्र, गुजरात के सूरत-अहमदाबाद में यूपी-बिहार के लोगों को मरवाती, पिटवाती, भगाती है. असम में NRC लागू करके लाखों यूपी-बिहार के लोगों को बेघर कर देती है, उन्हें अपने ही देश में विदेशी घोषित कर दिया, आज उन्हें पूर्वांचलियों की चिंता हो रही है. मजाक की बात तब लगती है, जब बीजेपी जैसी पार्टी जिसने बिहार और यूपी के लोगों को अपने शासन वाले राज्यों में हत्या, हिंसा करवाने तक का काम किया और खामोश रहे. वो लोग आज यूपी-बिहार वालों की चिंता कर रहे हैं.
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