CM Arvind Kejriwal Orders Doorstep Ration Delivery, CCTV Installation, Signature Bridge Completion: सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ से कानून व्यवस्था, जमीन और दिल्ली पुलिस के अलावा बाकी मामलों में दिल्ली सरकार को फैसला लेने के अधिकार का फैसला आने के बाद भले आईएएस अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग यानी सर्विसेज डिपार्टमेंट के कंट्रोल पर एलजी और सरकार में विवाद हो लेकिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल फुल एक्शन में आ चुके हैं और दूसरे विभागों के फैसले धड़ाधड़ ले रहे हैं. केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों के घर के दरवाजे पर यानी डोरस्टेप या होम डिलीवरी की राशन व्यवस्था तुरंत लागू करने का आदेश देने के बाद शुक्रवार को ही अक्टूबर तक सिग्नेचर ब्रिज चालू करने और अगली कैबिनेट मीटिंग में मंगलवार को दिल्ली में सीसीटीवी कैमरा लगाने की फाइल पेश करने का आदेश दिया है.
नई दिल्ली. दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पुलिस, जमीन और कानून व्यवस्था को छोड़ बाकी सारे फैसले लेने के राज्य सरकार के अधिकार पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ से मोहर लगवाने के बाद लंबे समय से लटके या अटके कामों को पूरा करने के लिए पूरी तरह से एक्शन में आ गए हैं. केजरीवाल ने फैसले के तीसरे दिन यानी शुक्रवार को सबसे पहले घर-घर राशन पहुंचाने की होम डिलीवरी शुरू करने का आदेश जारी किया, उसके बाद सिग्नेचर ब्रिज की आखिरी किस्त जारी करने और उसे अक्टूबर तक चालू करने का आदेश जारी किया और फिर दिल्ली में सीसीटीवी कैमरा लगाने की फाइल अगली कैबिनेट मीटिंग में मंगलवार को पेश करने का आदेश जारी कर दिया.
केजरीवाल ने शुक्रवार को सबसे पहले दिल्ली के लोगों के घर पर यानी राशन की डोरस्टेप होम डिलीवरी योजना पर तमाम आपत्तियों को खारिज करते हुए इसे मंजूरी दे दी है और खाद्य मंत्रालय को इस पर अमल करने और हर रोज इसके अनुपालन की रिपोर्ट देने कहा है. केजरीवाल ने इसके साथ ही शुक्रवार को ही दूसरा आदेश जारी किया सिग्नेचर ब्रिज पर जो पैसे की कमी यानी आखिरी किस्त जारी नहीं होने के कारण पूरा नहीं हो पा रहा था. केजरीवाल ने अक्टूबर तक सिग्नेचर ब्रिज का काम पूरा करके इसे चालू करने का आदेश दिया है.
दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार बनने के बाद से ही लेफ्टिनेंट गवर्नर यानी एलजी के तौर पर पहले नजीब जंग और बाद में अनिल बैजल राज्य सरकार के कई फैसलों पर मंजूरी के बदले सवाल उठाकर उसे लटका रहे थे. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई में 5 जजों की संविधान पीठ ने संविधान की व्याख्या करते हुए साफ कर दिया कि पुलिस, कानून व्यवस्था और जमीन के अलावा बाकी सारे मामलों में फैसला लेने का अधिकारी चुनी हुई सरकार यानी आम आदमी पार्टी की केजरीवाल सरकार को है और उस फैसले पर अमल को एलजी बेवजह रूटीन तरीके से रोक नहीं सकते क्योंकि उनको फैसला लेने का कोई स्वतंत्र अधिकार नहीं है.
कोर्ट ने साफ किया है कि या तो एलजी राज्य सरकार का फैसला मानेंगे या फिर मतभेद होने पर राष्ट्रपति से सलाह लेकर राष्ट्रपति का फैसला मानेंगे पर किसी भी सूरत में वो कोई फैसला नहीं लेंगे. केजरीवाल शुक्रवार को मनीष सिसोदिया के साथ एलजी अनिल बैजल से मिलने गए. मुलाकात के बाद एलजी ने ट्वीट करके कहा कि वो सरकार को संविधान के तहत पूरा सहयोग करेंगे. वहीं केजरीवाल ने ट्वीट करके कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक सबको दिल्ली के लोगों के लिए काम करना चाहिए.
Directed PWD secy to place the proposal for CCTV cameras in next Cabinet meeting on Tuesday.
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) July 6, 2018
Thank you sir. All of us should work together for the development of Delhi. Constitution is supreme. Orders of SC become the law of the land. They must be respected. https://t.co/9djVvG4VxV
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) July 6, 2018
Del govt approves final instalment of Signature Bridge. There shud now be no more obstacles. It shud be ready by October
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) July 6, 2018
Directed dept to keep me informed of daily progress https://t.co/csyYR8XdlH
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) July 6, 2018
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बुधवार की ही शाम को डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने सर्विस डिपार्टमेंट के सचिव को आदेश दिया था कि अब से आईएएस, डैनिक्स और दूसरे ऑल इंडिया सर्विस के अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए एलजी के बदले मुख्यमंत्री की मंजूरी लेनी होगी जिसे सर्विसेज के सचिव ने मानने से यह कहकर इनकार कर दिया था कि सुप्रीम कोर्ट ने अभी तक केंद्रीय गृह मंत्रालय का मई, 2015 का वो आदेश निरस्त नहीं किया है जिसके जरिए नरेंद्र मोदी सरकार ने ट्रांसफर-पोस्टिंग वाले सर्विस डिपार्टमेंट की कमांड एलजी को दे दी थी. माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट में आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार और एलजी के बीच चल रहे लंबित 9 मामलों का जब निपटारा होगा तब शासन और प्रशासन की और चीजें साफ होंगी. संविधान पीठ ने इन 9 मामलों की सुनवाई कर रहे बेंच से कहा है कि संविधान की व्याख्या के मुताबिक लंबित मामलों का निपटारा करें.
मनीष सिसोदिया ने दिया दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी में 2 नए ब्लॉक और 3 नए हॉस्टल बनाने का आदेश
सीएम केजरीवाल के साथ-साथ डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया भी फैसले के तीसरे दिन शुक्रवार को एक्शन में नजर आए. सर्विसेज डिपार्टमेंट के मंत्री सिसोदिया अपने ही सचिव द्वारा ट्रांसफर-पोस्टिंग वाला नया नियम लागू करने का आदेश नहीं मानने से बेपरवाह अब जनता के काम पर फोकस नजर आए. सिसोदिया ने शुक्रवार को वित्त और खर्च समिति की मीटिंग की अध्यक्षता की जिसमें सिग्नेचर ब्रिज के निर्माण के लिए अंतिम किस्त को जारी करने का फैसला लिया गया. सरकार ने अक्टूबर तक काम पूरा करके सिग्नेचर ब्रिज चालू करने का आदेश दिया है. इसी मीटिंग में दिल्ली तकनीकी विश्वविद्यालय यानी दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी डीटीयू में 2 नए एजुकेशन ब्लॉक और 3 नए हॉस्टल बनाने के प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है. सिसोदिया ने कहा है कि 2 नए भवन और 3 नए छात्रावास बनने से डीटीयू में 3000 और स्टूडेंट्स पढ़ पाएंगे.
Chaired Expenditure-Finance-Comittee meeting. Two major projects cleared –
1. Final installment for Signature Bridge. Now it would be completed by Oct'18
2. Two new academic blocks and 3 new hostels in Delhi Technical Univ(DTU). This would add approx 3000 more students to DTU.
— Manish Sisodia (@msisodia) July 6, 2018
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