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केजरीवाल सरकार एलजी बैजल पावर वॉर: सुप्रीम कोर्ट में 4 मामलों के 9 केस पर फैसले से ही सुलझेगा दिल्ली का झगड़ा

नई दिल्ली. दिल्ली में आम आदमी पार्टी की अरविंद केजरीवाल सरकार और एलजी अनिल बैजल व केंद्र सरकार के बीच अधिकार की लड़ाई का मामला सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ से दिल्ली सरकार के संवैधानिक दर्जा की व्याख्या के बाद भी नहीं सुलझी है और ये झगड़ा तब तक नहीं सुलझेगा जब तक सुप्रीम कोर्ट में उपराज्यपाल और केजरीवाल सरकार के बीच चल रहे 4 मामलों में 9 केस पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता.

सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को केजरीवाल और एलजी के पावर वॉर पर लंबित मामलों की सुनवाई है क्योंकि संविधान पीठ ने अलग-अलग केस का निबटारा करने का काम संबंधित बेंच को सौंप दिया था जो संविधान पीठ के फैसले की रोशनी में मुकदमों का निपटारा करेगा. केजरीवाल और एलजी के बीच ये 9 केस सर्विसेज डिपार्टमेंट यानी ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार, एंटी करप्शन ब्यूरो यानी एसीबी पर अधिकार, जांच आयोग बनाने के अधिकार और स्टांप ड्यूटी यानी सर्किल रेट बनाने के अधिकार को लेकर है.

केजरीवाल सरकार बनाम एलजी का झगड़ा नंबर वन- सर्विसेज यानी अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग का अधिकार

Kejriwal Vs LG Power War Services Department Transfer Posting of Officers: अरविंद केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल अनिल बैजल के बीच सबसे बड़ा झगड़ा दिल्ली सरकार के तहत काम कर रहे आईएएस समेत तमाम अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग करने वाले सर्विसेज विभाग पर नियंत्रण को लेकर है. सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा था कि जमीन, कानून-व्यवस्था और पुलिस के अलावा बाकी सारे मामलों में दिल्ली सरकार की चलेगी लेकिन एलजी अनिल बैजल के निर्देश पर अधिकारियों ने डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया द्वारा जारी ट्रांसफर-पोस्टिंग निमयावली आदेश को लागू करने से मना कर दिया.

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एलजी बैजल ने इस मामले पर साफ कर दिया है कि इसका फैसला सुप्रीम कोर्ट से ही होगा क्योंकि अभी तक हाईकोर्ट का फैसला पलटा नहीं गया है और ना ही गृह मंत्रालय का वो सर्कुलर निरस्त हुआ है जिसके जरिए सर्विसेज डिपार्टमेंट उपराज्यपाल को दिया गया है. दिल्ली सरकार ने एलजी को दिल्ली का प्रशासनिक हेड करार दिया है.

केजरीवाल सरकार बनाम एलजी का झगड़ा नंबर दो- एंटी करप्शन ब्यूरो यानी एसीबी पर अधिकार की लड़ाई

Kejriwal Vs LG Power War of Control over Anti Corruption Bureau ACB: अरविंद केजरीवाल सरकार और एलजी अनिल बैजल के बीच दूसरा बड़ा झगड़ा एंटी करप्शन ब्यूरो यानी एसीबी पर अधिकार को लेकर है. एसीबी दिल्ली सरकार के विजिलेंस डिपार्टमेंट के तहत आती है लेकिन चूंकि इसमें दिल्ली पुलिस के अधिकारी काम करते हैं और इसका मुखिया आईपीएस अधिकारी होता है इसलिए ये एलजी को रिपोर्ट करती है. दिल्ली सरकार का कहना है कि चूंकि ये भ्रष्टाचार निरोधक डिपार्टमेंट राज्य सरकार के अधीन है इसलिए एसीबी को सरकार का आदेश मानना चाहिए जबकि केंद्र सरकार का मानना है कि ये एक पुलिस थाने की तरह है जहां भ्रष्टाचार के केस दर्ज होते हैं इसलिए ये एलजी को रिपोर्ट करे जैसे बाकी दिल्ली पुलिस करती है.

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एसीबी पर नियंत्रण का झगड़ा भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ही सुलझेगा. एसीबी पर अधिकार की कानूनी लड़ाई तब शुरू हुई जब केजरीवाल सरकार ने गैस का दाम तय करने के मामले में रिलायंस चेयरमैन मुकेश अंबानी समेत केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली और मुरली देवड़ा पर एफआईआर का आदेश दिया था. हाईकोर्ट ने फैसला दिया कि दिल्ली की एसीपी केंद्र सरकार के कर्मचारियों के खिलाफ जांच नहीं कर सकती.

केजरीवाल सरकार बनाम एलजी का झगड़ा नंबर तीन- जांच आयोग बनाने का अधिकार दिल्ली सरकार को है या नहीं

Kejriwal Vs LG Power War over Commission of Enquiry Act: केजरीवाल सरकार और एलजी के बीच तीसरा बड़ा झगड़ा दिल्ली सरकार के जांच आयोग बनाने के अधिकार को लेकर है. केजरीवाल सरकार ने सीएनजी फिटनेस घोटाला की जांच के लिए जांच आयोग के गठन का आदेश जारी किया था.

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उसके बाद क्रिकेट संस्था डीडीसीए में गड़बड़ी की जांच के लिए जांच आयोग बनाने का फैसला केजरीवाल ने किया था. एलजी और केंद्र सरकार ने कहा कि दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं है इसलिए उसे जांच आयोग बनाने का अधिकार नहीं है और जो आयोग बनाया गया है वो अवैध है. हाईकोर्ट ने आयोग बनाने को अवैध करार दिया है.

केजरीवाल सरकार बनाम एलजी का झगड़ा नंबर चार- दिल्ली सरकार को सर्किल रेट तय करने का अधिकार है या नहीं

Kejriwal Vs LG Power War over Stamps Act: दिल्ली की केजरीवाल सरकार और एलजी के बीच चौथा झगड़ा स्टांप एक्ट को लेकर है. केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में कृषि जमीन को खरीदने-बेचने पर स्टांप ड्यूटी यानी सर्किल रेट बढ़ाने का फैसला किया था जिसे एलजी ने रद्द कर दिया. हाईकोर्ट ने केजरीवाल सरकार के इस फैसले को अवैध करार दिया है क्योंकि एलजी ने इसे मंजूरी नहीं दी थी.

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Aanchal Pandey

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