राफेल डील को लेकर पूर्व फ्रांसिसी राष्ट्रपति फ्रांसवा ओलांद के बयान के बाद विपक्ष की ओर से बुरी तरह घिरती जा रही केंद्र की मोदी सरकार से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी तीन अहम सवाल दागे हैं. उन्होंने राफेल को लेकर ट्वीट के जरिए पीएम मोेदी से सवाल पूछे हैं.
नई दिल्ली. राफेल डील को लेकर विवाद पर लेकर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के बयान के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला करते हुए एक ट्वीट किया है. ट्वीट में उन्होंने पीएम मोदी से तीन सवाल किए हैं. उन्होंने लिखा- PM से तीन सवाल 1. आपने ये ठेका अनिल अम्बानी को ही क्यों दिलवाया? और किसी को क्यों नहीं? 2. अनिल अम्बानी ने कहा है कि उनके आपके साथ व्यक्तिगत सम्बंध हैं. क्या ये सम्बंध व्यवसायिक भी हैं? 3. राफ़ेल घोटाले का पैसा किसकी जेब में गया- आपकी, भाजपा की या किसी अन्य की?
वहीं शुक्रवार को केजरीवाल ने मांग की कि फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के कथित बयान को लेकर केंद्र सरकार को राफेल सौदे पर साफ तरीके से सामने आना चाहिए. तब केजरीवाल ने अपने एक ट्वीट में लिखा था कि ‘राफेल सौदे पर अहम तथ्यों को छिपाकर क्या मोदी सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में नहीं डाल रही है? मोदी सरकार अब तक जो कहती आ रही है, पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति का बयान बिल्कुल उसके उलट है.’
PM से तीन सवाल
1. आपने ये ठेका अनिल अम्बानी को ही क्यों दिलवाया? और किसी को क्यों नहीं?
2. अनिल अम्बानी ने कहा है कि उनके आपके साथ व्यक्तिगत सम्बंध हैं।क्या ये सम्बंध व्यवसायिक भी हैं?
3. राफ़ेल घोटाले का पैसा किसकी जेब में गया- आपकी, भाजपा की या किसी अन्य की? https://t.co/yyK4BmBwnb
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 22, 2018
By hiding crucial facts on Rafale deal, is Modi govt not endangering national security ?
Former French President's statement directly contradicts what Modi govt had been saying so far.
Can the country be taken for a ride any further ?
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 21, 2018
बता दें कि फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने राफेल डील को लेकर हाल ही में बड़ा ख़ुलासा किया है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने उन्हें अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस का नाम सुझाया था. ऐसे में उनके पास कोई और रास्ता नहीं बचा था. फ्रांस्वा ओलांद ने एक फ्रांसिसी अखबार को दिए साक्षात्कार में कहा कि भारत सरकार द्वारा रिलांयंस डिफेंस के रिकमेंडेशन के बाद ही दसॉल्ट एविएशन ने अनिल अंबानी की कंपनी के साथ बातचीत शुरू की.
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