नई दिल्ली: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान दिल्ली के मुख्यमंत्री से मिलने दिल्ली की तिहाड़ जेल जाएंगे. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने तिहाड़ जेल प्रशासन को चिट्ठी लिखी है. भगवंत मान ने केजरीवाल से जेल में मुलाकात करने का वक्त मांगा है. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च के दिन ईडी ने […]
नई दिल्ली: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान दिल्ली के मुख्यमंत्री से मिलने दिल्ली की तिहाड़ जेल जाएंगे. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने तिहाड़ जेल प्रशासन को चिट्ठी लिखी है. भगवंत मान ने केजरीवाल से जेल में मुलाकात करने का वक्त मांगा है. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च के दिन ईडी ने गिरफ्तार किया था. केजरीवाल को हाईकोर्ट ने 15 अप्रैल तक जेल भेज दिया है जेल में वह पुलिस की न्यायिक हिरारत में रहेंगे.
मुख्यमंत्री केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार 3 अप्रैल को दिल्ली हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. इस याचिका में मुख्यमंत्री केजरीवाल ने ईडी के द्वारा की गई अपनी गिरफ्तारी को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है. दिल्ली हाईकोर्ट में केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई करने वाली जज स्वर्ण कान्ता शर्मा ने आप के कन्वीनर और दिल्ली के मुख्यमंत्री और ईडी की दलीलों को सुनने के बाद कहा, ‘मैं फैसला सुरक्षित रख रही हूं.
प्रवर्तन निदेशालय ईडी के द्वारा गिरफ्तार किए आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय कन्वीनर और दिल्ली के मुख्यमंत्री ने अपनी गिरफ्तारी की टाइमिंग पर सवाल उठाया है. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि चुनाव के समय की गई उनकी गिरफ्तारी स्वतंत्र चुनाव और समान अवसर महैय्या कराने के संविधान के बुनियादी संरचना का घोर उलंघन है. हाईकोर्ट मे वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने केजरीवाल की तरफ से दलीलें पेश की.
ईडी की वकालत करने वाले अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल एस.वी. राजू ने केजरीवाल की याचिका का विरोध किया जिसमें उन्होंने बताया कि इस मामले में प्रथम दृश्टया धनशोधन का केजरीवाल पर अपराध बनता है और वर्तमान समय में,इस याचिका के खिलाफ जांच अभी प्रारंभिका चरण में है. अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने केजरीवाल के खिलाफ लगाए गए पूर्वाग्रह के आरोपों के आरोपों से इनकार किया है. एस.वी.राजू ने कहा कि ईडी की तरफ से केजरीवाल के खिलाफ दायर किया गया मामला सबूतों पर आधारित है. उन्होंने कहा कि अपराधियों की गिरफ्तारी होनी ही चाहिए और उनको जेल मे डालना ही चाहिए.
ईडी की तरफ से केजरीवाल के खिलाफ दलील दी गई है कि याचिक में याचिकर्ता के खिलाफ पारित पहले हिरासत आदेश पर हमला किया गया है. ईडी ने कहा की उनकी तरफ से बाद के आदेशों पर हमला नहीं किया गया. दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल को पहली बार 28 मार्च को ईडी की कस्टडी में भेजने का आदेश पारित किया था.