Article 370 in Kashmir : आर्टिकल 370 हटा तो इतने लोगों ने खरीदी कश्मीर में ज़मीन, केंद्र सरकार ने बताया

Article 370 in Kashmir  नई दिल्ली, Article 370 in Kashmir  केंद्र सरकार के बड़े फैसले के बाद जम्मू कश्मीर में वर्ष 2019 में ही धारा 370 को हटा दिया गया था. लेकिन अब तक जम्मू कश्मीर में कितने लोगों ने जमीनें खरीदी इसपर अब केंद्र सरकार खुद खुलासा कर रही है. इतने लोगों ने खरीदी […]

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Article 370 in Kashmir : आर्टिकल 370 हटा तो इतने लोगों ने खरीदी कश्मीर में ज़मीन, केंद्र सरकार ने बताया

Riya Kumari

  • March 29, 2022 7:13 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

Article 370 in Kashmir 

नई दिल्ली, Article 370 in Kashmir  केंद्र सरकार के बड़े फैसले के बाद जम्मू कश्मीर में वर्ष 2019 में ही धारा 370 को हटा दिया गया था. लेकिन अब तक जम्मू कश्मीर में कितने लोगों ने जमीनें खरीदी इसपर अब केंद्र सरकार खुद खुलासा कर रही है.

इतने लोगों ने खरीदी ज़मीन

कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने के बाद अब देश प्रदेश से लोगों ने जम्मू कश्मीर में निवेश किया है. दूर से निवेशकों का ध्यान कश्मीर की भूमि पर गया है. अब इस बात की जानकारी केंद्र सरकार ने दी है कि आखिर आर्टिकल 370 हटाने के बाद (अगस्त 2019) से अबतक कितने लोगों ने वहां ज़मीन खरीदी है. बता दें अब तक कुल 34 बाहरी लोगों द्वारा वहां ज़मीन की खरीद की गयी है, जो पहले संभव नहीं था. विशेष स्थितियों के कारन कश्मीर में गैरनिवासी लोगों के ज़मीन खरीदने पर पूरी तरह से प्रतिबंध था. जिसके अनुसार जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन राज्य में अचल संपत्ति की खरीद कोई बाह्य राज्य या देश का नागरिक नहीं कर सकता था.

पहले ये था नियम

आपको बता दें की कश्मीर में वर्ष 2019 के अगस्त महीने से पहले तक कोई बाहरी ज़मीन नहीं खरीद सकता था. लेकिन बाद में धारा 370 को हेट जाने के बाद से केंद्र भूमि नियमों में बदलाव किया गया. जिसके तहत जम्मू-कश्मीर विकास अधिनियम की धारा 17 में से “राज्य के स्थायी निवासी’ वाक्यांश को हटा दिया गया. ये वाक्यांश बाहरी लोगों के लिए जमीन खरीदने का मार्ग प्रशस्त से संबंधित है.

हुई थी खूब राजनीति

आपको बता दें की जम्मू कश्मीर का विवाद काफी पुराना और घूमा हुआ है. जहां आज़ादी के बाद से ही इस क्षेत्र में हालात साल दर साल बद्द्तर हुए हैं. लेकिन जब कश्मीर में धारा 370 को हटाने का समय आया तो कई विपक्ष के नेताओं ने इसपर बयानबाज़ी की थी. तब कहा गया था कि ऐसा फैसला सिर्फ कश्मीर में बाहरी लोगों को बसाने के लिए किया जा रहा है.

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