कानपुर: कानपुर देहात में हुए अग्निकांड में एक माँ और बेटी की दर्दनाक मौत हो गई. इस घटना के बाद से सियासत भी तेज हो गई है. दोषी अफसरों के खिलाफ FIR दर्ज़ करवाई जा चुकी है. साथ ही पीड़ित परिवार ने भी प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है. घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें दोनों माँ-बेटी को आग की चपेट में आकर चीखते हुए देखा जा सकता है. वह कहती नज़र आ रही हैं कि इन लोगों ने आग लगा दी.
सत्ता के अहंकार की अग्नि ने एक परिवार को भस्म कर दिया। कानपुर नगर या कानपुर देहात ही नहीं पूरा उप्र भाजपा सरकार के अन्याय का शिकार हो रहा है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) February 14, 2023
इसी कड़ी में अब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने मंगलवार(14 फरवरी) को एक ट्वीट किया जिसमें वह लिखते हैं, ‘सत्ता के अहंकार की अग्नि ने एक परिवार को भस्म कर दिया। कानपुर नगर या कानपुर देहात ही नहीं पूरा उप्र भाजपा सरकार के अन्याय का शिकार हो रहा है।’ अखिलेश यादव अपने एक और ट्वीट में लिखते हैं, ‘शासन-प्रशासन जब अभय एवं निर्भय की जगह भय और उत्पीड़न के प्रतीक बन जाएं तो समझ लेना चाहिए उनका अंत निकट है।’
शासन-प्रशासन जब अभय एवं निर्भय की जगह भय और उत्पीड़न के प्रतीक बन जाएं तो समझ लेना चाहिए उनका अंत निकट है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) February 14, 2023
कानपुर देहात के मड़ौली गांव में हुए अग्निकांड मामले ने तूल पकड़ ली है. सोमवार(13 फरवरी) को यहां अतिक्रमण हटाते समय वहां स्थित झोपड़ी में जलकर मां-बेटी की मौत हो गई थी. अब मृतकों के परिजनों ने पुलिस-प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. पीड़ित परिवार का कहना है कि कुछ लोगों की शिकायत पर प्रशासन ने उनका मकान गिराया है. उनके बेघर होने के बाद परिवार के सभी सदस्य अपने जानवरों को लेकर जिलाधिकारी (DM) नेहा जैन के बंगले पर न्याय की गुहार लगाने पहुंचा था. लेकिन एडिशनल एसपी उन्हें और उनके परिवार को मारने के लिए दौड़े. साथ ही पीड़ित परिवार का आरोप है कि ये सब कुछ डीएम के इशारे पर किया गया है.
घटना के बाद पीड़ित परिवार के बेटे शिवम दीक्षित ने FIR भी दर्ज़ करवाई है. ये FIR रूरा थाने में दर्ज की गई है जिसके अनुसार करीब 100 साल पहले फरियादी के दादा और घर के वर्तमान मुखिया कृष्ण गोपाल दीक्षित के पिता ने एक बगीचा विकसित किया था. उन्होंने इस जगह पर करीब दो दशक पहले ही पक्का मकान बनवाया था. इसके बाद अचानक 14 जनवरी को मैथा तहसील के एसडीएम, तहसीलदार, कानूनगो और लेखपाल स्थानीय रूरा थाने के प्रभारी दिनेश कुमार गौतम उनके घर के बाहर आ धमके. उनके साथ अन्य 15 सिपाही भी मौजूद थे. इन सिपाहियों के साथ एक बुलडोज़र भी था. शिकायत में कहा गया है कि बिना किसी पूर्व नोटिस के ही अधिकारियों ने उनका घर गिरा दिया.
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