Bangladesh Army Rule: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पहले इस्तीफा दिया और फिर देश छोड़कर चली गईं। कयास लगाए जा रहे हैं कि शेख हसीना भारत आ सकती हैं, जबकि कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि वह भारत के रास्ते लंदन जा सकती हैं। अब बांग्लादेश की कमान सेना के हाथों में है। लोग सोशल मीडिया पर पूछ रहे हैं कि अब देश के अहम फैसले कौन लेगा।
बांग्लादेश में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब सेना के हाथों में देश की कमान आई हो। इससे पहले भी ऐसा हो चुका है। जब देश में सेना का शासन लागु होता है तोह पीएम पद के सरे फैसले आर्मी चीफ लेते है। इस समय बांग्लादेश में आर्मी चीफ वक़ारुज़्ज़मान है। यानि अब बांग्लादेश में जब तक सेना का शासन होगा, बांग्लादेश के लिए सारे अहम फैसले आर्मी चीफ वक़ारुज़्ज़मान ही लेंगे।
बांग्लादेश के इतिहास में ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। इससे पहले 1975 में भी सेना ने वहां की सत्ता पर कब्जा कर लिया था। उस वक्त शेख मुजीबुर्रहमान की सरकार थी, जो शेख हसीना के पिता थे। उस समय सेना का शासन लगभग 15 वर्षों तक चला था।
कहा जा रहा है कि बांग्लादेश में सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण को खत्म कर दिया, जिससे लोग सड़कों पर आ गए और सरकार पर दबाव डाला कि आरक्षण वापस लाया जाए। सरकार ने ऐसा नहीं किया, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। इसके बाद चुनाव हुए, लेकिन विपक्षी पार्टियों ने चुनाव का बहिष्कार किया। तभी से अटकले लगाई जा रही थी की बांग्लादेश की सत्ता बांग्लादेशी सेना अपने हाथों में ले सकती है।
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