महिला मरीज का अपमान करने के आरोप में सेना के डॉक्टर को कोर्ट-मार्शल का सामना करना पड़ेगा

नई दिल्ली: भारतीय सेना के एक डॉक्टर को मेडिकल परीक्षण के दौरान एक मेजर की पत्नी की गरिमा को ठेस पहुंचाने के आरोप में जनरल कोर्ट मार्शल (जीसीएम) का सामना करना पड़ रहा है.

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महिला मरीज का अपमान करने के आरोप में सेना के डॉक्टर को कोर्ट-मार्शल का सामना करना पड़ेगा

Deonandan Mandal

  • July 18, 2024 3:37 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 months ago

नई दिल्ली: भारतीय सेना के एक डॉक्टर को मेडिकल परीक्षण के दौरान एक मेजर की पत्नी की गरिमा को ठेस पहुंचाने के आरोप में जनरल कोर्ट मार्शल (जीसीएम) का सामना करना पड़ रहा है. सेना के सूत्रों के अनुसार लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक के अधिकारी, जो अहमदनगर के सैन्य अस्पताल में चिकित्सा विशेषज्ञ के रूप में तैनात हैं. वहीं डॉक्टर ने खुद को निर्दोष बताया है और कहा है कि वह सीने में दर्द की शिकायत करने वाले मरीज की जांच करने में पेशेवर तरीके से काम कर रहे थे.

वहीं डॉक्टर पर दो आरोप लगे हैं. पहला आरोप यह है कि उन्होंने 10 जून, 2022 को अस्पताल में मेजर की पत्नी की छाती की शारीरिक जांच करते समय उन पर आपराधिक बल का प्रयोग किया, जिससे उनकी लज्जा भंग करने का इरादा था. यह भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 के विपरीत, किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उसके खिलाफ नागरिक अपराध करने या आपराधिक बल का उपयोग करने से संबंधित है.

अधिकारी के खिलाफ अच्छी व्यवस्था और सैन्य अनुशासन पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली चूक से संबंधित दूसरा आरोप भी लगाया गया है. इस आरोप के तहत डॉक्टर पर परीक्षा आयोजित करते समय रक्षा सेवा विनियम (सशस्त्र बलों की चिकित्सा सेवाओं के लिए विनियम-2010) के पैरा 51 के अनुपालन में एक नर्स या एक महिला परिचारक की उपस्थिति सुनिश्चित करने में चूक करने का आरोप लगाया गया है. नियमों के मुताबिक जब किसी महिला मरीज की जांच की जाती है तो एक अटेंडेंट का मौजूद रहना जरूरी होता है.

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