नई दिल्ली। यूपी के गोरखपुर की गीता प्रेस को गांधी पुरस्कार दिए जाने पर विवाद जारी है. कांग्रेस के कई नेताओं ने इसे लेकर आपत्ति जताई है. इस बीच केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस मामले पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि शायद ही देश में ऐसा कोई हिंदू घर होगा, जहां […]
नई दिल्ली। यूपी के गोरखपुर की गीता प्रेस को गांधी पुरस्कार दिए जाने पर विवाद जारी है. कांग्रेस के कई नेताओं ने इसे लेकर आपत्ति जताई है. इस बीच केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस मामले पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि शायद ही देश में ऐसा कोई हिंदू घर होगा, जहां गीता प्रेस में छपी कोई पुस्तक, ग्रंथ या महाकाव्य न हो. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस हमेशा से ही हिंदू विरोधी रही है. समय-समय पर कांग्रेस के नेताओं ने खुद ही ये उजागर किया है.
मुंबई दौरे पर गए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस के थिंक टैंक पर आज वैचारिक आतंकियों का कब्जा हो चुका है. वे अपने तुष्टिकरण के लिए हिंदू धर्म, हिंदुओं की आस्था के केंद्रों और हिंदू ग्रंथों का उपहास उड़ाते रहते हैं.
बता दें कि इससे पहले कांग्रेस पार्टी ने गीता प्रेस को पुरस्कार दिए जाने की आलोचना की थी. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि साल 2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार गोरखपुर स्थित गीता प्रेस को दिया जा रहा है, जो इस साल अपना शताब्दी वर्ष मना रहा है. अक्षय मुकुल ने साल 2015 में इस संस्थान की एक बहुत अच्छी जीवनी लिखी, जिसमें उन्होंने इस संस्थान के महात्मा के साथ उतार-चढ़ान वाले संबंधों, राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक एजेंडे पर उनके साथ चली लड़ाइयों का जिक्र किया है. रमेश ने आगे कहा कि मोदी सरकार का यह फैसला वास्तव में एक उपहास है. ये सावरकर और गोडसे को पुरस्कार देने जैसा है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार मिलने पर ट्वीट किया है. जिसमें उन्होंने लिखा है कि 100 सालों से ज्यादा वक्त से गीता प्रेस रामचरित मानस से लेकर श्रीमद्भगवद्गीता जैसे पवित्र हिंदू ग्रंथों को नि:स्वार्थ भाव से लोगों तक पहुंचाने का अद्भुत कार्य कर रही है. इसी वजह से गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार मिलना उनकी ओर से किए जा रहे भागीरथ कार्यों का सम्मान भर है. केंद्रीय गृह मंत्री ने आगे लिखा कि गीता प्रेस को यह पुरस्कार अहिंसक और अन्य गांधीवादी तरीकों से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन लाने की दिशा में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जा रहा है.
Gita Press: गीता प्रेस ने स्वीकार किया गांधी शांति पुरस्कार, लेकिन इस वजह से नहीं लेगा धनराशि