तेलंगाना के हैदाराबाद में महिला डॉक्टर के साथ गैंगरेप और हत्या की खबर से पूरा देश सन्न हैं. सोशल मीडिया पर लाखों लोग सरकार और पुलिस को घेर रहे हैं. इस बीच न्याय के लिए देश की एक बेटी अनु दुबे ने संसद के सामने अकेेले प्रदर्शन कर ये साबित कर दिया है कि नारी शक्ति में अभी कितना दम है.
हैदराबाद. तेलंगाना के हैदराबाद में महिला डॉक्टर से की गई हैवानियत का देश भर में लोग विरोध कर रहे हैं. इस दौरान अनु दुबे का नाम काफी चर्चा में आया जो विरोध प्रदर्शन के लिए अकेले ही दिल्ली संसद पहुंच गई. अनु ने विरोध प्रदर्शन के दौरान पोस्टर भी हाथ में लिया जिसपर लिखा था ”मैं अपने भारत में सुरक्षित महसूस क्यों नहीं कर सकती.”
हालांकि, दिल्ली पुलिस का अनु दुबे का महिला सुरक्षा पर प्रदर्शन रास नहीं आया. अनु दुबे के अनुसार, दिल्ली पुलिसकर्मियों ने उन्हें प्रदर्शन करने से रोका. सिर्फ रोका ही नहीं बल्कि उसके नाम पर अनु दुबे के साथ बदतमीजी और मारपीट की. दिल्ली पुलिस का एक महिला के लिए यह व्यवहार अशोभनीय जरूर है.
दिल्ली पुलिस ने अनु दुबे से संसद के सामने प्रदर्शन खत्म कर जंतर मंतर पर करने के लिए कहा लेकिन वे नहीं मानी. अनु दुबे के इनकार के बाद पुलिस उन्हें पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने ले गए. कुछ ही समय में मामला तूल पकड़ गया. करीब 4 घंटे अनु दुबे पुलिस हिरासत में रहीं जिसके बाद दिल्ली महिला आयोग अध्यक्ष स्वाती मालीवाल ने उन्हें वहां से बाहर निकलवाया.
तेलंगाना में ऐसा क्या हुआ जिससे देश दहर गया और अनु जैसी सैकड़ों बेटी सड़कों पर आ गईं
तेलंगाना के हैदराबाद में 27 साल की वेटनरी डॉक्टर के साथ चार लोगों ने गैंगरेप किया जिसके बाद उसके शव को पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी. सुबह तेलंगाना पुलिस ने मृतका का अधजला शव अपने कब्जे में लिया. हैदराबाद के शादनगर इलाके में हुई इस घटना से पूरा देश दहर उठा है.
बुधवार वारदात की रात पीड़िता की स्कूटी पंचर थी जिसकी सूचना उसने अपनी बड़ी बहन को भी दी थी. इससे पहले वह कोल्लुरु के पशु चिकित्सालय गई थी. इस दौरान आरोपियों ने मौका देखकर पीड़िता को अपनी हवस का शिकार बनाया और उसे जलाकर मार डाला. अगले दिन मामला तूल पकड़ने पर पुलिस एक्शन में आते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. फिलहाल कोर्ट ने सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत भेज दिया है.
सोशल मीडिया पर अनु दुबे की हिम्मत की सराहना, ऐसी लड़कियों की है देश को जरूरत
संसद पर अकेली पहुंचकर देश के नेताओं से न्याय मांगने वाली अनु दुबे की सराहना सोशल मीडिया पर की जा रही है. क्योंकि अब समय आ गया कि आवाज उठाई जाए. हर बार सिर्फ कैंडल जलाकर ही न्याय नहीं मिलने वाला. यही देश के युवाओं को अनु दुबे से सीखने को मिला जिसकी तारीफ भी काफी की जा रही है.
आखिर क्यों और कब तक देश की बेटियों पर इतना जुल्म, जन्म लेना इतनी बड़ी गलती
तेलंगाना समेत देश भर से पिछले दिनों आई कई खबरों में महिलाओं के साथ जो दरिंदगी की गई वो बेहद डरावनी है. पहले भी देश निर्भया कांड से हिल चुका है, उसके बाद न जाने कितने ऐसे मामले सामने आए जिन्होंने हमें सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या हमारे देश में बेटी का जन्म लेना इतना गलत है.
तेलंगाना वाले मामले में वहां के गृह मंत्री कहते हैं कि अगर लड़की अपनी बहन की जगह पुलिस को फोन मिलाती तो शायद बच जाती. क्या शायद बच पाती ? कोई नेता ये क्यों नहीं कहता कि कानून इतने सख्त बनाए जाए जो अगली बार ऐसा करने की सोचने वाला भी कांप उठे. लेकिन ऐसा होता ही नहीं और इसका सबूत निर्भया कांड में अभी तक आरोपियों को फांसी न होगा.