PFI Ban: नई दिल्ली। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया को आज केंद्र सरकार ने बैन कर दिया। आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के सबूत मिलने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पांच साल के लिए पीएफआई पर प्रतिबंध लगा दिया। बता दें कि इससे पहले केंद्रीय जांच एजेंसियों ने देशभर में पीएफआई के खिलाफ छापेमारी की […]
नई दिल्ली। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया को आज केंद्र सरकार ने बैन कर दिया। आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के सबूत मिलने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पांच साल के लिए पीएफआई पर प्रतिबंध लगा दिया। बता दें कि इससे पहले केंद्रीय जांच एजेंसियों ने देशभर में पीएफआई के खिलाफ छापेमारी की थी। जिसमें 100 से अधिक लोगों की गिरफ्तार किया गया।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पीएफआई के खिलाफ पहली देशव्यापी छापेमारी 22 सितंबर को की थी, इसके बाद दूसरी रेड 27 सिंतबर को हुई थी। जहां पहले राउंड में 106 पीएफआई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया, वहीं दूसरे राउंड में 247 लोगों को गिरफ्तार/हिरासत में लिया गया। बताया जा रहा है कि छापेमारी में पीएफाई के टेरर लिंक सबूत मिले थे, जिसके बाद गृह मंत्रालय ने ये बड़ी कार्रवाई की है।
जानकारी के मुताबिक ऑपरेशन ऑक्टोपस के तहत हुई दो राउंड की छापेमारी में एनआईए, एटीएस और स्टेट पुलिस को पीएफआई के मिशन के बारे में अहम सबूत मिले थे। इन सबूतों को ही इस संगठन पर बैन लगाने की असली वजह माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि पीएफआई का मकसद भारत को गृह युद्ध में झोंकना, 2047 तक ऑपरेशन गजवा-ए-हिंद को पूरा करना और हिंदुस्तान को इस्लामिक राष्ट्र बनाना है।
बता दें कि जांच एजेंसियों का पीएफआई से जुड़े लोगों की एक लिस्ट है। इस लिस्ट में वे लोग शामिल हैं जिन्होंने इस्लामिक स्टेट में शामिल होने के लिए देश छोड़ा हुआ है। खुफिया एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक पीएफआई और उसकी पॉलिटिकल बॉडी एसडीपीआई के कई बड़े नेता तुर्की की यात्रा करते थे। जहां वो भारत विरोधी एजेंडा सेट करते थे।
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