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अंशु प्रकाश पिटाई मामला: दोषी पाए गए तो अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को हो सकती है 1-3 साल की सजा

दिल्ली चीफ सेक्रेटरी पिटाई मामला: दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर पर आम आदमी पार्टी के विधायकों द्वारा कथित मारपीट के मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल, उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत 11 अन्य पार्टी विधायकों के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट ने समन भेजा है. इन सभी को 25 अक्टूबर को सुनवाई में पेश होना है. इस मामले में अगर केजरीवाल और सिसोदिया दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें एक से तीन साल की सजा सुनाई जा सकती है.

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  • September 18, 2018 12:08 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर पर मारपीट के मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सीएम अरविंद केजरीवाल, उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत 11 अन्य पार्टी विधायकों के खिलाफ समन भेजा है. जिनमें अमानतुल्लाह खान, नितिन त्यागी, प्रवीण कुमार, प्रकाश जरवार, राजेश ऋषि, ऋतू राज, राजेश गुप्ता, अजय दूत, संजीव झा, मदन लाल, दिनेश मोहनिया शामिल हैं. इन सभी को 25 अक्टूबर को सुनवाई में पेश होना है. पुलिस ने मामले में आईपीसी की धारा 120b/186/332/353/342/323/506(2) के अलावा 149 & 34, 109/114 धाराओं में चार्जशीट फाइल की है.

सिसोदिया और केजरीवाल के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र रचने का मामला दर्ज हुआ है और अगर वे दोषी पाए जाते हैं उन्हें न्यूनतम एक साल और अधिकतम तीन साल की सजा होना हो सकती है. इसके अलावा विधायक अमानतुल्ला खान और प्रकाश जारवाल के खिलाफ एक सरकार कर्मचारी पर हमला करने, सरकारी कर्मचारी को काम करने से रोकने, धमकी, आपराधिक धमकी और षड्यंत्र रचने का केस दर्ज किया गया है. बता दें कि इन दोनों को घटना के बाद ही गिरफ्तार किया गया था लेकिन बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया.

बता दें कि इस साल फरवरी में 19 तारीख को अरविंद केजरीवाल के आवास पर राशन कार्ड और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर चल रही बैठक के दौरान अंशु प्रकाश के साथ कथिक रुप से मारपीट हुई थी. अपनी शिकायत में अंशु प्रकाश ने कहा था कि पूरी घटना इस दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया वहां मौजूद थे लेकिन उन्होंने इसे नहीं रोका. मामला सामने आने पर गुस्साए दिल्ली के आईएएएस अधिकारियों ने केजरीवाल सरकार और उनके मंत्रियों से मिलना बंद कर दिया था. जिसके बाद केजरीवाल ने सिसोदिया के साथ काफी दिनों तक उपराज्यपाल ऑफिस में धरना दिया था.

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