लखनऊ: वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर से जुड़े कानूनी विवाद में एक और याचिका दाखिल की गई है। इस बार वाराणसी जिला अदालत में व्यास परिवार की ओर ले अर्जी दाखिल की गई है। मंदिर के पुश्तैनी पुजारी व्यास परिवार की 15वीं पीढ़ी के वशंज शैलेंद्र कुमार पाठक व्यास ने वाराणसी के जिला न्यायालय में […]
लखनऊ: वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर से जुड़े कानूनी विवाद में एक और याचिका दाखिल की गई है। इस बार वाराणसी जिला अदालत में व्यास परिवार की ओर ले अर्जी दाखिल की गई है। मंदिर के पुश्तैनी पुजारी व्यास परिवार की 15वीं पीढ़ी के वशंज शैलेंद्र कुमार पाठक व्यास ने वाराणसी के जिला न्यायालय में याचिका दाखिल की है। उन्होंने याचिका में भगवान की दैनिक सेवा पूजा के अधिकार का उपयोग करने की इजाजत मांगी है। बता दें कि इससे पहले विश्वेश्वर भगवानऔर माता श्रृंगार गौरी के भक्त न्यायालय पहुंचे थे।
याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में ज्ञानवापी मस्जिद के पैरोकारों को वहां जाने से रोकने की मांग की है। साथ ही लोहे के जाल और बाड़बंदी में भी समुचित बदलाव भी करने का निर्देश मांगा गया है। जिससे सही तरीके से देवी-देवताओं की रोज सेवा पूजा की जा सके।
याचिकाकर्ता पाठक का कहना है कि 1993 तक उनके पुरखे आदि विश्वेश्वर मंदिर जो अब ज्ञानवापी मस्जिद नाम से जानी जा रही इमारत के तहखाने में मौजूद वीरभद्र, महेश्वर, महाकालेश्वर, तारकेश्वर, अविमुक्तेश्वर, मां श्रृंगार गौरी, गणेश, हनुमान और नंदी के प्रतिमाओं के अलावा अन्य कई देवी देवताओं की बिना किसी रोक-टोक के सेवा पूजा 1993 के नवंबर दिसंबर तक करते रहे। इसमें कहा गया है कि फिर 1993 के अंतिम हफ्तों में बाधाएं डाली जाने लगीं और प्रशासन ने मौखिक आदेश देकर इसको रोक दिया था। बता दें कि इस मामले की अदालत ने सुनवाई के लिए अगली तिथि 29 सितंबर को तय की है।