कोहिमा/नई दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में दो फाड़ के बाद अब अजित पवार गुट और शरद पवार खेमे के बीच पार्टी पर कब्जे को लेकर लड़ाई चल रही है. इस बीच शरद गुट को एक और बड़ा झटका लगा है. नागालैंड के 7 एनसीपी विधायकों ने अजित पवार गुट को समर्थन देने का फैसला किया […]
कोहिमा/नई दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में दो फाड़ के बाद अब अजित पवार गुट और शरद पवार खेमे के बीच पार्टी पर कब्जे को लेकर लड़ाई चल रही है. इस बीच शरद गुट को एक और बड़ा झटका लगा है. नागालैंड के 7 एनसीपी विधायकों ने अजित पवार गुट को समर्थन देने का फैसला किया है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की नागालैंड इकाई के प्रमुख वानथुंगो ओडुओ ने कहा है कि सभी 7 एनसीपी विधायकों ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार को समर्थन पत्र भेजा है.
बता दें कि इससे पहले महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी दो हिस्सों में टूट गई. एनसीपी संस्थापक शरद पवार के भतीजे अजित पवार चाचा से बगावत करते हुए 8 अन्य विधायकों के साथ बीजेपी-शिवसेना सरकार में शामिल हो गए. अजित ने 2 जुलाई को पांचवी बार महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में वो दूसरे उपमुख्यमंत्री बने. वरिष्ठ बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस पहले से ही उपमुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान हैं. चाचा शरद पवार से बगावत के बाद अजित ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और उसके चुनाव चिन्ह पर अपना दावा किया. उन्होंने कहा कि उनके पास एनसीपी के 40 से अधिक विधायकों का समर्थन प्राप्त है.
उधर, शरद पवार गुट एनसीपी को लेकर अपना दावा कर रहा है. पार्टी में बगावत के बाद भी शरद पवार अपना रुख नरम नहीं कर रहे हैं. 18 जुलाई को वो विपक्षी दलों की महाबैठक में शामिल होने के लिए बेंगलुरु पहुंचे. शरद गुट का दावा है कि एनसीपी के कार्यकर्ता उनके साथ हैं. एनसीपी (शरद गुट) के नेता और महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख जयंत पाटिल ने कहा है कि अगर बागी हुए एनसीपी विधायक वापस आते हैं तो पार्टी में उनका स्वागत किया जाएगा. वहीं, शरद पवार की बेटी और बारामती लोकसभा सीट से सांसद सुप्रिया सुले का कहना है कि उनके पिता के अंदर अभी पार्टी को दोबारा खड़ा करने की क्षमता है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सभी सच्चे सिपाही पवार साहब के साथ हैं.
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