हजारे ने कहा कि "2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह ने देश की अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा दी और इसे विकास के पथ पर आगे बढ़ाया। मनमोहन सिंह भले ही शरीर छोड़ गए हों, लेकिन वे हमेशा यादों में बने रहेंगे।"
नई दिल्लीः भ्रष्टाचार के खिलाफ मनमोहन सरकार का विरोध करने वाले कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि उन्होंने हमेशा देश और समाज के कल्याण को प्राथमिकता दी। हजारे ने महाराष्ट्र के अहिल्यानगर जिले में अपने पैतृक गांव में कहा, “जो लोग पैदा होते हैं, उन्हें मरना पड़ता है, लेकिन कुछ लोग यादें और अपनी विरासत छोड़ जाते हैं। सिंह ने देश की अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा दी।”
हजारे ने 2010 के दशक की शुरुआत में सिंह के कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने आंदोलन को याद किया। हजारे ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री ने उन्हें बातचीत के लिए आमंत्रित किया और तुरंत निर्णय लिए। हजारे ने कहा, “वह भ्रष्टाचार के खिलाफ थे और लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम के संबंध में तुरंत निर्णय लिए थे। उन्होंने हमेशा देश के बारे में सोचा और इस बात पर ध्यान केंद्रित किया कि वह देश के लोगों के लिए कैसे बेहतर कर सकते हैं।”
हजारे ने कहा कि “2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री रहे सिंह ने देश की अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा दी और इसे विकास के पथ पर आगे बढ़ाया। मनमोहन सिंह भले ही शरीर छोड़ गए हों, लेकिन वे हमेशा यादों में बने रहेंगे।”
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात निधन हो गया। पूर्व पीएम 92 वर्ष के थे और तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें दिल्ली एम्स के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था। पीएम मोदी समेत भारत और दुनिया भर के विभिन्न नेताओं, राष्ट्राध्यक्षों और हस्तियों ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
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