प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बचपन पर बनी फिल्म ‘चलो जीते हैं’ देखकर भावुक हुए अन्ना हजारे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बचपन की घटना पर बनी शॉर्ट फिल्म को देखकर समाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे भावुक हो गए. उन्हें ये फिल्म इतनी पसंद आई कि इस फिल्म के निर्माताओं से उन्होंने अपने गांव में स्कूल के बच्चों के लिए विभिन्न स्क्रीनिंग कराने का वादा भी कर दिया.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बचपन पर बनी फिल्म ‘चलो जीते हैं’ देखकर भावुक हुए अन्ना हजारे

Aanchal Pandey

  • August 8, 2018 5:14 am Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. हाल ही में फिल्म निर्माता महावीर जैन की शॉर्ट फिल्म ‘चलो जीते हैं’ रिलीज हुई, जो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बचपन की घटना से प्रेरित है. इस फिल्म की एक विशेष स्क्रीनिंग रालेगण सिद्धी में सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे और उनकी टीम के लिए आयोजित की गई थी. फिल्म की स्क्रीनिंग के बाद अन्ना हजारे की आंखे आसुंओ से भर आईं. इसका एक वीडियो भी सामने आया है.

इस फिल्म का निर्देशन मंगेश हदावले ने किया है और आनंद एल राय (कलर यलो प्रोडक्शंस) द्वारा प्रस्तुत की गई थी. इसकी कहानी ‘सामाजिक समरता’ किताब से ली गई है. वास्तव में ये किताब नरेंद्र मोदी के विचारशील लेखों का संकलन है. फिल्म को देखकर अन्ना हजारे अचानक भावुक हो गए और उनकी आंखें भर आईं. इसके साथ ही अन्ना हजारे ने महावीर जैन, निर्देशक मंगेश और प्रस्तुतकरता आनंद एल राय को इस फिल्म के लिये बधाई दी.   

पीएम मोदी पर बनी इस फिल्म का उद्देश्य बिना किसी स्वार्थ के दया और सेवा भाव का संदेश है. फिल्म में दूसरों के लिए संस्कृति निर्माण की बात कही गई है. अन्ना हजारे को ये फिल्म इतनी पसंद आई कि उन्होंने इस फिल्म के निर्माताओं से अपने गांव में स्कूल के बच्चों के लिए विभिन्न स्क्रीनिंग कराने का वादा किया.

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गौरतलब है कि फिल्म चलो जीते हैं असल में सच्ची घटना पर बनाई गई है. इसमें नरू नाम का एक छोटा बच्चा है जो देश के लिए बहुत कुछ करने की इच्छा रखता है.

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