September 19, 2024
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कथावाचक अनिरुद्ध आचार्य ने कह दी ऐसी बात, क्या तुमने अपनी बहन का पिया है… मचा बवाल, मांगनी पड़ी माफी

  • WRITTEN BY: Zohaib Naseem
  • LAST UPDATED : August 6, 2024, 10:34 am IST

नई दिल्ली: आपने कई कथावाचक के नाम तो सुने होंगे. उनमें से कुछ कथावाचक को हम अच्छी तरह से जानते हैं. उनकी बातें सुनना ज्यादा पसंद करते हैं. उन्हीं में से एक कथावाचक का नाम अनिरुद्ध आचार्य हैं, जो वृंदावन के कथावाचक हैं. वहीं उन्होंने महिलाओं को लेकर शर्मनाक बयान दिया है, जिसका वीडियो वायरल हुआ.

इसके बाद लोगों में आक्रोश देखने को मिला. जैसे ही ये बात श्री कृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास की जिला अध्यक्ष गुंजन शर्मा को पता चली, तो उन्होंने इस बयान की कड़ी निंदा की है और अनिरुद्ध आचार्य को तत्काल माफी मांगने की बात कही है.

 

गुंजन शर्मा ने क्या कहा?

 

गुंजन शर्मा ने कहा कि जिस व्यास पीठ पर बैठकर समाज को सही दिशा निर्देश देने की जिम्मेदारी है, वहीं ये लोग मर्यादाओं की धज्जियां उड़ा रहे हैं, यह चिंता का विषय है. इतना ही नहीं गुंजन शर्मा ने लोगों से भी अमर्यादित भाषा और व्यवहार करने वाले धर्माचार्यों का विरोध करने की अपील की है.

जैसा कि आप वीडियो में देख सकते हैं की अनिरुद्धाचार्य कह रहे हैं कि एक शक्स ने उनसे सवाल किया की आप लोग गाय को माता कहते है, तो भैंस को बुआ कह सकते होगें. वहीं फिर उसने कहा की  महाराज जी गाय दूध देती है, दूध तो भैंस भी देती है. हमने उससे कह बेटा ये बताओ, दूध तो तुम्हारी बहन भी देती है फिर मां ही का दूध क्यों पिया.

 

 

 

वीडियो हुआ वायरल

 

बता दें की वीडियो वायरल होने के बाद अनिरुद्धाचार्य ने अपनी सफाई दी हैं. उन्होंने कहा कि वास्तव में सवाल जवाब का यह वीडियो वायरल किया गया है, उससे उनका किसी भी प्रकार का लेना देना नहीं है. इतना जरूर है कि महिला सशक्तिकरण का वो हमेशा से सम्मान करते आए हैं और करते रहेंगे. अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि ‘कुछ दिन एक विधर्मी ने मुझसे टेढ़ा सवाल किया.

मैंने उसे समझाया कि दूध तो हमारे परिवार में चाची, दादी, नानी….सबने अपने-अपने बच्चों को दूध पिलाया हैं. वहीं मां ने भी अपने बच्चों को दूध पिलाया है, इसलिए मां को ही मां कहा जाएगा, सबको मां नहीं कहा जाएगा. उसी तरह गाय का भी दूध हम पीते हैं, इसलिए गाय को भी मां कहा जाता हैं, नहीं की बकरी को.

 

आचार्य ने मांगी माफी

 

गाय के इस पक्ष को पुष्ट करते हुए मुझे समझाने में शब्दों की त्रुटि हुई है. लोगों ने कहा कि मुझ से गलती हुई है, तो मैंने स्वीकारा. उन्होंने आगे कहा की यदि मेरे कहने से किसी को दुख पहुंचा, तो मैंने तो गाय का पक्ष रखा. वही मैंने यह साबित किया कि गाय हमारी माता है. यदि गाय का पक्ष रखने में मुझ से कोई त्रुटि हुई है, तो आप कृपालु हैं, तो मुझे माफ करें. मैं तो आप सभी के पांव की धूल हूं, आप मुझे अवश्य क्षमा करेंगे.

 

 

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