Maharashtra : 13 महीने बाद जेल से रिहा हुए Anil Deshmukh, भीड़ ने किया स्वागत

मुंबई : महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को वसूली मामले में बड़ी राहत मिली है. जहां पूरे 13 महीने जेल में बिताने के बाद उन्हें अब रिहा कर दिया गया है. हाई कोर्ट ने कल यानी 27 दिसंबर को उनकी रिहाई के विरोध में CBI की याचिका को ख़ारिज कर दिया था. इसके […]

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Maharashtra : 13 महीने बाद जेल से रिहा हुए Anil Deshmukh, भीड़ ने किया स्वागत

Riya Kumari

  • December 28, 2022 6:44 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

मुंबई : महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को वसूली मामले में बड़ी राहत मिली है. जहां पूरे 13 महीने जेल में बिताने के बाद उन्हें अब रिहा कर दिया गया है. हाई कोर्ट ने कल यानी 27 दिसंबर को उनकी रिहाई के विरोध में CBI की याचिका को ख़ारिज कर दिया था. इसके बाद तय था कि उन्हें आज रिहा कर दिया जाएगा. आज वह जेल से बाहर आ गए हैं.

फूलों की माला से हुआ स्वागत

बुधवार दोपहर ऑर्थर रोड जेल से बाहर आते हुए उनकी कई तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर तैर रही हैं. इन तस्वीरों में दिखाई दे रहा है कि कैसे एनसीपी नेता उनका स्वागत कर रहे हैं. इस मौके पर पार्टी के कई कार्यकर्ताओं की भीड़ भी दिखाई दे रही है. अनिल देशमुख के चेहरे पर रिहा होने की ख़ुशी को भी साफ़ देखा जा सकता है. हालांकि अब तक उन्होंने इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

SC के बजाय HC का किया रूख

हालांकि बॉम्बे हाई कोर्ट ने तो 12 दिसंबर को ही अनिल देशमुख को जमानत दे दी थी. लेकिन सीबीआई ने अपनी आगे की कार्रवाई का हवाला देते हुए 10 दिन का समय माँगा था. दस दिनों तक देशमुख जेल में ही रहने वाले थे. इसके बाद 10 दिनों के अंदर सीबीआई की सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी थी. SC में CBI देशमुख की जमानत को चुनौती देने वाली थी. लेकिन छुट्टियों का दौर शुरू होने पर मामले की सुनवाई जनवरी से पहले नहीं की जा सकती थी. तब सीबीआई ने बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया. जहां से एजेंसी को झटका लगा है और अब अनिल देशमुख की जमानत याचिका को ख़ारिज करने की मांग वाली याचिका को रद्द कर दिया गया है. ऐसे में देशमुख का जेल से बाहर निकलने का रास्ता साफ हो गया.

ये है पूरा मामला

बता दें वसूली मामले में पिछले साल नवंबर में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को गिरफ्तार किया गया था. उन पर महाराष्ट्र के गृह मंत्री रहते हुए एपीआई सचिन वाजे को ऑर्केस्ट्रा बार से हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करने का आदेश देने का आरोप था. मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह की एक चिट्ठी के बाद उद्धव सरकार ने अनिल देशमुख की मुसीबत बढ़ा दी थी.

 

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