नई दिल्ली. जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल के यात्रा कार्यक्रम को जब सार्वजनिक किया गया, तो दौरे के आखिरी पड़ाव को देखकर कुछ लोगों की नजरें टिक गईं. भारतीय सरकार के साथ-साथ यहां के जर्मन व्यापारिक समुदाय के साथ बैठकों की सुगबुगाहट के बाद, मर्केल को थोड़े समय के लिए द्वारका सेक्टर 21 मेट्रो स्टेशन पर शनिवार को सुबह 11:20 बजे रुकना है, इससे पहले कि वह हवाई अड्डे के लिए रवाना हो सकें जहां से वो जर्मनी के लिए वापस उड़ान भरेंगी. चांसलर की यात्रा के लिए इस विशेष मेट्रो स्टेशन को चुना गया है क्योंकि इसका जर्मन कनेक्शन है. मेट्रो स्टेशन की छत पर लगे सौर पैनल के लिए जर्मन सरकार ने वित्त यानि फंड दिए थे. नई दिल्ली में जर्मन दूतावास के प्रवक्ता क्रिश्चियन विंकलर ने बताया कि, जर्मनी नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग के लिए प्रतिबद्ध है. उस संदर्भ में, जर्मन विकास बैंक केएफडब्ल्यू ने मेट्रो स्टेशन के ऊपर फोटोवोल्टिक परियोजना की स्थापना के लिए धन प्रदान किया था.
मैर्केल परियोजना की समीक्षा करेंगी और भारत सरकार के साथ अधिक संयुक्त नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं पर विचार कर सकती हैं. विंकलर ने कहा, हमने चांसलर के लिए ई-रिक्शा प्रणाली के प्रदर्शन की भी व्यवस्था की है. वह देखेंगी कि ये बैटरी चालित वाहन कैसे कार्य करते हैं. सूत्रों ने कहा, जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में दोनों पक्षों की एक-दूसरे से सीखने की इच्छा को दर्शाता है. कहा गया कि इससे पहले पश्चिम देश भारत को एक बदलाव के विरोधी के रूप में देखते थे. वह छवि अब बदल गई है और हम समाधान का एक हिस्सा हैं. सूत्रों ने कहा कि 2015 में, हमने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का गठन किया और यूरोप उस लड़ाई में एक प्रमुख भागीदार के रूप में उभरा.
भारत-जर्मनी संयुक्त बयान के एक हिस्से ने दोनों देशों की जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए काम करने की इच्छा को संबोधित किया. इसमें लिखा गया, दोनों नेताओं एंजेला मर्केल और पीएम नरेंद्र मोदी ने ग्रह की सुरक्षा के लिए अपनी संयुक्त जिम्मेदारी को स्वीकार किया और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने और अपने कार्बन पदचिह्न को कम करके ऊर्जा दक्षता बढ़ाने के माध्यम से जलवायु परिवर्तन को कम किया. बता दें कि मर्केल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अंतर-सरकारी परामर्श (आईजीसी) के पांचवें दौर की सह-अध्यक्षता की. चांसलर के साथ विदेश मामलों, विज्ञान और शिक्षा, खाद्य और कृषि के जर्मन मंत्रियों और एक आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल था. मर्केल पहले ही मोदी और राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के साथ बैठकें कर चुकी हैं.
कश्मीर पर बोलीं एंजेला मार्केल
जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने शुक्रवार को कहा, कश्मीर की मौजूदा स्थिति टिकाऊ नहीं है और इसे सुनिश्चित करने के लिए बदलाव की जरूरत है. शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ प्रतिबंधित बैठक से पहले उन्होंने कहा, जैसा कि इस समय कश्मीर में स्थिति टिकाऊ नहीं है और अच्छी नहीं है, यह सुनिश्चित करने के लिए बदलाव करना होगा.
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