हैदराबाद: 13 मई तक लोकसभा चुनाव होने से पहले आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) हाईकोर्ट (Andhra Pradesh High Court) ने राज्य में सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस (YSRCP) की सरकार को सरकारी योजनाओं के कैश ट्रांसफर पर रोक लगा दी है. आंध्र प्रदेश में 13 मई को एक साथ 175 विधान सभा जबकि 25 लोकसभा सीच पर एक […]
हैदराबाद: 13 मई तक लोकसभा चुनाव होने से पहले आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) हाईकोर्ट (Andhra Pradesh High Court) ने राज्य में सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस (YSRCP) की सरकार को सरकारी योजनाओं के कैश ट्रांसफर पर रोक लगा दी है. आंध्र प्रदेश में 13 मई को एक साथ 175 विधान सभा जबकि 25 लोकसभा सीच पर एक साथ वोट डाले जाएंगे.
आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) हाईकोर्ट ने आजतक राज्य सरकार को सरकारी योजनाओं के लिए नगद वितरण की अनुमति दी थी. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा था कि राशि का वितरण राज्य में मतदान के दिन सोमवार तक 72 घंटों के लिए रोक दिया जाएगा. राज्स सरकार को सरकारी योजनाओं मेंलाभार्थियों को करीब 14,165 करोड़ रुपये वितरित करने थे.
आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) हाईकोर्ट की तरफ से यह आदेश विभिन्न योजनाओं के छात्र और महिला लाभार्थियों की एक याचिका पर दिया गया. जिसमें विपक्षी दलों ने ऐसे समय में नकद राशि का वितरण जारी रखने पर सवाल उठाया था जिसमें उन्होंने कहा था कि आचार संहिता लागू है और चुनाव होने वाले जिसमें ये करना ठीक नहीं है. इन शिकायतों के आधार पर चुनाव आयोग ने अगली आदेश तक धनराशि निलंबित करने का फैसला दिया है.
हाईकोर्ट ने सत्तारुढ़ वाईएसआरसीपी (YSRCP) के राज्य में कल्याणकारी योजनाएं कई महीनों से चलने के तर्क पर ने शुरू में लाभार्थियों को योजनाओं से लाभान्वित करना जारी रखने की इजाजत दी थी.
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू पर आरोप लगाया था कि हमारी पार्टी की छवि को खराब दिखाने के लिए राज्य में चलने वाली डीबीटी योजना को केंद्र की मदद से रोक रहे हैं. चंद्न बाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी का बीजेपी के साथ गठबंधन है.
जगन मोहन रेड्डी ने राजनगरम की एक रैली में आरोप लगाया कि नायडू ने अपनी भाभी डी पुरंदेश्वरी (राज्य की बीजेपी अध्यक्ष) के माध्यम से केंद्र की मदद मांगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि,चंद्र बाबू नायडू आयोग पर पेंशन और इनपुट सब्सिडी जैसी राज्य में चल रही लोगों की हितकारी योजनाओं को डीबीटी से रोकने के लिए दबाव डाल रहे हैं.”
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