हैदराबाद। आंध्र प्रदेश से इंसानियत को शर्मसार करने वाली एक घटना सामने आई है. अस्पताल से अपने पुत्र का शव ले जाने के लिए एक पिता को मोटरसाइकिल का सहारा लेना पड़ा. ये इसलिए हुआ क्योंकि तिरूपति से 90 किलोमीटर दूर उनके गांव ले जाने के लिए एम्बुलेंस चालकों ने 10 हजार रूपये की मांग की थी. इसके बाद पिता को बाइक पर पीछे गोद में अपने पुत्र का शव ले जाना पड़ा।
बता दें कि एम्बुलेंस चालकों का शर्मनाक व्यवहार सिर्फ यहीं नहीं रूका. उन्होंने पिता के रिश्तेदारों द्वारा भेजी गई दूसरी एम्बुलेंस को शव ले जाने नहीं दिया और उसके चालक के साथ मारपीट कर भगा दिया. इससे मजबूरी में पिता अपने पुत्र को बाइक से ले जाने को मजबूर हुआ।
इस घटना के मीडिया में आने के बाद आंध्र सरकार हरकरत में आई और उसने रूइया अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी को निलंबित कर दिया है. इसके साथ ही अस्पताल के अधीक्षक को कारण बताओं नोटिस भी जारी कर दिया गया है।
राज्य सरकार ने एम्बुलेंस चालकों की पहचान कर उनके विरूद्ध आपराधिक मामला दर्ज करने निर्देश दे दिया है. तिरूपति जिले के जिलाधिकारी वेंकेट रमण रेड्डी ने घटना की जांच करने के लिए 3 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. अधिकारियों के मुताबिक चार चालकों की पहचान की चुकी है. पुलिस ने बताया कि अन्नामया जिले के चितवेली गांव के रहने वाले एक श्रमिक ने अपने 10 साल के बेटे को इलाज के लिए अस्पातल में भर्ती कराया था. सोमवार रात बच्चे की किडनी फेल होने की वजह से मौत हो गई, जिसके बाद बेटे का शव ले जाने के लिए एम्बुलेंस चालकों से बात की. इसके लिए चालकों ने श्रमिक से 10 हजार रूपये की मांग की थी।
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