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Anand Mahindra Praises Ukraine: आनंद महिंद्रा ने यूक्रेन की इस ताकत को बताया परमाणु बम से भी ज्यादा ताकतवर

Anand Mahindra Praises Ukraine: नई दिल्ली, आनंद महिंद्रा उन चुनिंदा उद्योगपतियों में से हैं, जो हर तरह के मुद्दे पर खुलकर अपनी राय लोगों के साथ साझा करते हैं. दुनियाभर को हैरत में डाल देने वाले रूस यूक्रेन युद्ध पर भी आनंद महिंद्रा ने अपनी राय 9Anand Mahindra Praises Ukraine) व्यक्त की है. यूक्रेन के […]

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Anand Mahindra Praises Ukraine: आनंद महिंद्रा ने यूक्रेन की इस ताकत को बताया परमाणु बम से भी ज्यादा ताकतवर
  • February 26, 2022 5:08 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

Anand Mahindra Praises Ukraine:

नई दिल्ली, आनंद महिंद्रा उन चुनिंदा उद्योगपतियों में से हैं, जो हर तरह के मुद्दे पर खुलकर अपनी राय लोगों के साथ साझा करते हैं. दुनियाभर को हैरत में डाल देने वाले रूस यूक्रेन युद्ध पर भी आनंद महिंद्रा ने अपनी राय 9Anand Mahindra Praises Ukraine) व्यक्त की है.

यूक्रेन के पास परमाणु बम से ज्यादा शक्तिशाली ताकत

https://twitter.com/anandmahindra/status/1497456078442827776?s=20&t=_ZudYZeNwU4IwXwtvqQpnA

आनंद महिंद्रा ने अपने ट्विटर हैंडल पर यूक्रेन का एक वीडियो शेयर किया, इस वीडियो में यूक्रेन की राजधानी कीव (Kyiv) की सड़कों पर हथियारबंद आम नागरिकों को देखा जा सकता है. इस बारे में आनंद महिंद्रा ने ट्वीट कर लिखा, ‘जब लोगों के पास अपने देश को बचाने की इच्छाशक्ति होती है, तो ये ताकत किसी भी परमाणु हथियार से ज्यादा ताकतवर हो जाती है. भले ऐसे लोगों पर आक्रमण करना संभव हो, लेकिन उन पर आधिपत्य जमाना मुमकिन नहीं हो पाता.’

देश के लिए आम नागरिक आगे आए

रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ( Volodymyr Zelensky) ने आम नागरिकों को देश की रक्षा के लिए आगे आने को कहा था, जिसके बाद सरकार वहां आम लोगों को हथियार और प्रशिक्षण दे रही है ताकि वो रूसी सेना से लड़ सके. 

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) के प्रस्ताव पर हुए मतदान से भारत के संग चीन ने भी बेशक मतदान से दूरी बनाई है, लेकिन दोनों देशों के फैसले के पीछे का कारण एक जैसा नहीं है. बता दें कि दोनों ही देशों ने संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की मिसाल देते हुए यूक्रेन का समर्थन किया है, लेकिन इसी बीच चीन ने रूसी कार्रवाई का बचाव किया है. वहीँ, भारत इसके सामान नहीं है. भारत ने ऐसा बिलकुल नहीं किया है. चीन के राजदूत झांग जून ने मामले पर अपनी सफाई में भी कहा कि,‘हम मानते हैं कि एक देश की सुरक्षा दूसरों की सुरक्षा की कीमत पर नहीं हो सकती है और क्षेत्रीय सुरक्षा को सैन्य गुटों को बढ़ाने या विस्तार करने पर निर्भर नहीं होना चाहिए.

 

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