देश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को देखते सरकार ने 30 साल बाद मोटर वाहन अधिनियम (संशोधन) विधेयक में नियमों को काफी सख्त कर दिया है. जुर्माने की राशि बढ़ाने के साथ-साथ और भी कई कड़े प्रावधान किए गए हैं. अप्रैल में यह बिल लोक सभा में पास हो चुका है अब इसे संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा.
नई दिल्लीः इस शीतकालीन सत्र में पेश होने वाले मोटर वाहन अधिनियम (संशोधन) विधेयक के अनुसार अब अगर कोई मैन्यूफेक्चरिंग कंपनी द्वारा बनाए वाहन में कोई कमी पाई जाती है तो उसे भारी दंड भुगतना पड़ेगा. वहीं इस विधेयक में कैब एग्रीगेटर्स के लिए भी दिशा-निर्देश दिए गए हैं साथ ही यातायात नियमों ते उल्लंघन के लिए दंड में भी 10 प्रतिशत की वृद्धि की बात कही गई है. साथ ही इस बिल में ट्रैफिक नियमों में बदलाव कर उन्हें और भी सख्त कर दिया गया है. बता दें कि यह बिल लोकसभा में अप्रैल में पास हो गया था.
कन्स्यूमर वॉइस नाम की संस्था के सर्वे से मुताबिक 96 प्रतिशत कन्स्यूमर्स का मानना है कि इस बिल से 2020 तक सड़क दुर्घटनाओं में 50 प्रतिशत कमी आएगी. वहीं 97 प्रतिशत लोगों का कहना है कि इस बिल का सभी पार्टियों का समर्थन करना चाहिए.
सड़क दुर्घटनाओं से हर साल लाखों लोगों की मौत को सरकार ने गंभीरता से लेते हुए 30 साल पुराने मोटर व्हीकल एक्ट विधेयक में बदलाव कर सख्त नियम बनाए हैं. जिसके मुताबिक लाइसेंस बनवाने या रजिस्ट्रेशन के लिए आधार अनिवार्य होगा. बिना लाइसेंस के वाहन चलाते पकड़े गए तो 500 रुपये की जगह 5,000 रुपये का जुर्माना देना होगा. तय सीमा से ज्यादा रफ्तार में गाड़ी चलाने पर 400 की जगह 4000 का जुर्माना भरना होगा. वहीं शराब पीकर गाड़ी चलाते पकड़े गए तो 2,000 की जगह अब 10,000 रुपये का जुर्माना भरना होगा. जबकि बिना सीट बेल्ट के गाड़ी चलाने पर अब 100 की बजाए 1000 रुपये जुर्माना भरना होगा. बिना हेल्मेट के निकले तो भी 100 रुपये नहीं बल्कि 1000 रुपये का जुर्माना भरना होगा. साथ ही तीन महीने के लिए लाइसेंस भी रद्द कर दिया जाएगा.
इसके अलावा सड़क हादसा अगर किसी नाबालिग से होता है तो उसके माता-पिता या गाड़ी के मालिक को दोषी माना जाएगा. गाड़ी के रजिस्ट्रेशन रद्द होने के साथ-साथ 25 हजार रुपये जुर्माने के साथ 3 साल के लिए जेल भी जाना पड़ सकता है. साथ ही हिट एंड रन मामलों में पीड़ित को मुआवजे में मिलने वाली राशि भी 25 हजार रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दी गई है. जबकि सड़क हादसों में मृतक के पीड़ितों को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा.
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