नई दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अगर संसद में बाधा डालने और आंख मारने से फुरसत मिले तो वे अपने तथ्यों और आंकड़ों की जांच कर लें. शाह ने राहुल गांधी द्वारा सरकार की दलित पॉलिसीज पर की गई टिप्पणी के जवाब में ये कहा है. दरअसल राहुला गांधी ने गुरुवार को जंतर मंतर पर न सिर्फ दलितों के विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया बल्कि पीएम मोदी को दलित विरोधी करार दिया. राहुल गांधी ने कहा कि अगर पीएम मोदी के मन में दलितों के लिए जरा भी जगह होती तो नीतियां कुछ बेहतर होतीं. राहुल ने कहा कि हम सभी मिलकर 2019 में भाजपा को हराएंगे.
इसपर अमित शाह ने लगातार कई ट्वीट किए. उन्होंने कहा कि राहुल जी जब आपको संसद के काम में खलल पैदा करने और आंख मारने से फुरसत मिल जाए तो अपने तथ्यों और आंकड़ों की जांच करें. उन्होंने कहा कि एनडीए की सरकार ने कैबिनेट के फैसलों और संसद के जरिए सबसे कठोर कानून पास कराए हैं. तो आप आखिर वहां पर प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं.
एक अन्य ट्वीट में शाह ने कहा कि अच्छा होता अगर कांग्रेस ने जिस तरह से बाबू जगजीवन राम, सीतराम केसरी और बाबा साहेब अंबेडकर के साथख व्यवहार किया है राहुल उसपर क्यों नहीं बोलते. कांग्रेस ने दलितों के साथ लगातार अत्याचार किया है. शाह ने कहा कि भला ये कैसा इत्तेफाक है कि जिस साल सोनिया गांधी कांग्रेस का हिस्सा बनीं उसी साल थर्ड फ्रंट की कांग्रेस की सरकार ने पदोन्नति में आरक्षण का विरोध किया और अब जिस साल राहुल गांधी कांग्रेस के अध्य़क्ष बने हैं तो वे एससी एसटी एक्ट और ओबीसी कमीशन का विरोध करते हैं. इसके अलावा शाह ने कहा कि इससे कांग्रेस की एंटी बैकवर्ड सोच दिखती है.
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