Amit Shah says PoK Included in Kashmir: जम्मू-कश्मीर से 370 हटाने पर यूएन का नाम लेकर फंसी कांग्रेस, अधीर रंजन चौधरी से बोले अमित शाह- कश्मीर के लिए जान दे देंगे

Amit Shah says PoK Included in Kashmir: लोकसभा में अमित शाह ने आज नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के लिए बिल पेश किया. इसका विरोध करते हुए विपक्ष ने लोकसभा में हंगामा कर दिया. विपक्ष पर भड़के गृह मंत्री अमित शाह ने इसके बाद एक बयान देते हुए कहा- कश्मीर की सीमा में पीओके और अक्साई चीन भी आता है और इसके लिए जान दे देंगे.

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Amit Shah says PoK Included in Kashmir: जम्मू-कश्मीर से 370 हटाने पर यूएन का नाम लेकर फंसी कांग्रेस, अधीर रंजन चौधरी से बोले अमित शाह- कश्मीर के लिए जान दे देंगे

Aanchal Pandey

  • August 6, 2019 12:45 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

नई दिल्ली. गृह मंत्री अमित शाह ने आज लोकसभा में बयान दिया कि जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 के तहत विशेष राज्य का दर्जा हटाना और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने का यह कोई राजनीतिक कदम नहीं है. बता दें कि सरकार के इस फैसले को राज्यसभा में मंजूरी दे दी गई है. अमित शाह ने लोकसभा में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का संकल्प पेश करते हुए कहा, यह एक राजनीतिक कदम नहीं है. संसद के पास पूरे देश के लिए कानून बनाने की पूरी शक्तियां हैं. भारत का संविधान और जम्मू और कश्मीर का संविधान दोनों इसके लिए अनुमति देते हैं. हालांकि अमित शाह के इस बयान पर कांग्रेस के सदस्यों ने उनका विरोध किया.

विपक्ष के विरोध के बाद अमित शाह भड़क गए. उन्होंने इसके बाद लोकसभा में कहा कि, कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. मैं यह पूरी तरह स्पष्ट करना चाहता हूं कि हर बार जब हम जम्मू-कश्मीर कहते हैं, तो इसमें पाक अधिकृत कश्मीर (गिलगित-बाल्टिस्तान सहित) और साथ ही अक्साई चिन भी शामिल होता है. इसमें कोई संदेह नहीं है. गृह मंत्री ने कहा, संपूर्ण जम्मू और कश्मीर भारत संघ का एक अभिन्न अंग है. जैसे ही कांग्रेस के सदस्य उन पर चिल्लाए, अमित शाह ने उनपर भड़के हुए जवाब दिया, कश्मीर की सीमा में पीओके भी आता है, जान दे देंगे इसके लिए.

कांग्रेस के नेता सदन अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह से पूछा- जब 1948 से संयुक्त राष्ट्र कश्मीर की निगरानी कर रहा है, इसके अलावा चाहे वो शिमला समझौता हो या लाहौर समझौता, जब ये सारे मामले अंतर्राष्ट्रीय थे तो आर्टिकल 370 हटाने का फैसला आंतरिक कैसे हो गया. इसी के जवाब में गृह मंत्री अमित शाह भड़क गए.

सोमवार को, राज्य सभा में जम्मू और कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में पुनर्गठित करने का विधेयक पेश किया गया और वहां से इसे पारित भी कर दिया गया. हालांति सरकार राज्यसभा में बहुमत से कम है लेकिन कई विपक्षी दलों ने उनका समर्थन किया. मायावती की बहुजन समाज पार्टी, नवीन पटनायक की बीजू जनता दल, जगन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस, एन चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी और अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने समर्थन दिया.

कांग्रेस विपक्षी दलों में से एक थी जिसने इस कदम के खिलाफ तर्क दिया. हालांकि उसके कुछ नेता पार्टी लाइन के विपरीत और संसद के बाहर सरकार के फैसले का समर्थन करते दिखाई दिए. आज सुबह, जब कांग्रेस विधायक सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ पार्टी लाइन को मजबूत करने और एकजुट मोर्चा पेश करने के लिए मिले, तो उन्हें इस कदम का विरोध करने के लिए कहा गया. कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पूछा कि पार्टी को इस कदम का समर्थन करना चाहिए या विरोध करना चाहिए? खबरों के मुताबिक इस पर कहा गया है कि हम इसका विरोध करेंगे और हमारा विरोध जम्मू-कश्मीर के लोगों, राज्य विधानसभा के लोगों से परामर्श करने के तरीके पर आधारित है.

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