Amit Shah on Mob Lynching Law: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को राज्यसभा में जानकारी दी है कि नरेंद्र मोदी सरकार मॉब लिंचिंग के लिए आईपीसी (Indian Penal Code) और सीआरपीसी (Code of Criminal Procedure) में संशोधन करेगी. अमित शाह ने कहा कि इसके लिए एक कमिटी गठित की गई है, उसकी सिफारिश आने के बाद सरकार इस ओर काम शुरू करेगी. साथ ही सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और राज्यपालों से भी इस बारे में राय मांगी गई है.
नई दिल्ली. पिछले कुछ सालों में देश में बढ़ी मॉब लिंचिंग की घटनाओं के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार आईपीसी और सीआरपीसी की धाराओं में संशोधन कर सकती है. गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए यह बात कही. शाह ने बताया कि केंद्र सरकार ने इसके लिए एक कमिटी गठित की है. यह कमिटी मॉब लिंचिंग से निपटने के लिए भारतीय दंड सहिता यानी आईपीसी और दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी में जरूरी संशोधन पर विचार कर रही है.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इस मुद्दे पर उन्होंने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और राज्यपालों से आईपीसी और सीआरपीसी में संशोधन पर राय मांगी गई है. शाह का कहना है कि जब कमिटी की सिफारिश आने के बाद सरकार इस ओर कार्यवाही शुरू कर देगी.
अमित शाह ने कहा कि जुलाई महीने में सुप्रीम कोर्ट ने संसद से मॉब लिंचिंग की घटनाओं से निपटने के लिए एक नया कानून बनाने के लिए कहा था. नरेंद्र मोदी सराकर शीर्ष अदालत के आदेश को ध्यान में रखते हुए आईपीसी और सीआरपीसी की धाराओं में बदलाव करेगी.
आपको बता दें कि राजस्थान और पश्चिम बंगाल में मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून बनाने के लिए विधानसभा में बिल पास करा दिया है. इन दोनों राज्यों में जल्द ही मॉब लिंचिंग के खिलाफ सख्त कानून प्रभावी हो जाएगा.
अब तक मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं में आईपीसी की धारा 300 और 302 के तहत हत्या और हत्या के प्रयास की धाराएं ही लगती है. मर्डर के केस में फांसी की सजा तक का प्रावधान है. हालांकि लंबे समय से मॉब लिंचिंग के लिए अलग से देशव्यापी कानून बनाए जाने की मांग की जा रही है.
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