नई दिल्ली, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अब भारत के इतिहास के बारे में अहम बयान दिया है. जहां गृह मंत्री ने कहा है कि भारत के इतिहास को विकृत किया गया है इसे एक बार फिर लिखने का प्रयास किया जाना चाहिए. ग्रह मंत्री का यह बयान बीते शुक्रवार को एक पुस्तक विमोचन […]
नई दिल्ली, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अब भारत के इतिहास के बारे में अहम बयान दिया है. जहां गृह मंत्री ने कहा है कि भारत के इतिहास को विकृत किया गया है इसे एक बार फिर लिखने का प्रयास किया जाना चाहिए. ग्रह मंत्री का यह बयान बीते शुक्रवार को एक पुस्तक विमोचन समारोह के दौरान सामने आया.
केंद्रीय मंत्री गृह शाह ने बीते शुक्रवार ‘महाराणा: सहस्र वर्ष का धर्मयुद्ध’ नामक पुस्तक का विमोचन किया. इस दौरान अमित शाह का इतिहास को लेकर एक बयान सामने आया जो अब काफी चर्चा में है. उन्होंने इस विमोचन समारोह में कहा- “ओमेंद्र रत्नू (पुस्तक के लेखक) का एक उद्गार था कि हमारे इतिहास को विकृत किया गया है. हालांकि इस विषय पर मैं थोड़ा अलग दृष्टिकोण रखने वाला व्यक्ति हूँ. विकृत तरीक़े से लिखने वालों ने लिखा, पर हमें कौन रोक सकता है, हमें कोई नहीं रोक सकता.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस पुस्तक आयोजन में गृह मंत्री ने आगे कहा, “इतिहास हार और जीत के आधार पर नहीं बल्कि उस घटना ने क्या परिणाम छोड़ा इस आधार पर लिखा जाता है.” गृह मंत्री ने आगे कहा, अधिकांश इतिहासकारों ने सिर्फ मुगलों का इतिहास लिखा और मुगलों के इतिहास को वरीयता दी. पांड्या, चोल, मौर्य, गुप्त और अहोम जैसे कई साम्राज्यों के गौरवशाली इतिहास को अनदेखा किया गया.
उन्होंने आगे कहा, इन सब राजाओं और साम्राज्यों पर भी संदर्भ ग्रंथ लिखने की ज़रूरत है. इससे सच अपने आप सामने आ जाएगा. अमित शाह ने इसी कड़ी में सरकारी कदम का भी ज़िक्र करते हुए कहा, “भारत सरकार भी इस मामले में पहल कर रही है, लेकिन जब सरकारें इतिहास लिखती हैं तो उसमें समस्या आती है. उचित है कि समाज से विद्वान निकल कर सामने आए, संदर्भ ग्रंथ लिखें।”
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