Amit Shah in West Bengal on NRC: गृह मंत्री बनने के बाद पहली बार अमित शाह पहुंचे ममता बनर्जी के गढ़ पश्चिम बंगाल, कोलकाता में एनआरसी पर करेंगे संबोधन

Amit Shah in West Bengal on NRC, Kolkata me NRC per Charcha karenge Amit Shah: गृह मंत्री अमित शाह पश्चिम बंगाल में एनआरसी पर अपने विचार रखने के लिए आज यानि मंगलवार को कोलकाता जाएंगे. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा अमित शाह से 20 सितंबर को मुलाकात के कुछ ही दिनों बाद शाह का राज्य का दौरा होना निर्धारित हुआ. ममता बनर्जी ने अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात के दौरान कहा कि उनके राज्य यानि पश्चिम बंगाल में असम की तरह एनआरसी की जरूरत नहीं है.

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Amit Shah in West Bengal on NRC: गृह मंत्री बनने के बाद पहली बार अमित शाह पहुंचे ममता बनर्जी के गढ़ पश्चिम बंगाल, कोलकाता में एनआरसी पर करेंगे संबोधन

Aanchal Pandey

  • October 1, 2019 10:57 am Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के साथ-साथ नागरिकता संशोधन विधेयक पर केंद्र सरकार और अपनी पार्टी, बीजेपी के रुख को स्पष्ट करने के लिए अमित शाह पश्चिम बंगाल के दौरे पर हैं. अमित शाह कोलकाता पहुंच गए हैं. हालांकि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के बीच विवाद की स्थिति बनी हुई है. अमित शाह जिन्होंने कई बार एक अखिल भारतीय एनआरसी की आवश्यकता को दोहराया है के अपने उसके रुख से भटकने की संभावना नहीं है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा 20 सितंबर को राष्ट्रीय राजधानी में गृह मंत्री से मुलाकात करने के कुछ ही दिनों बाद अमित शाह ने दौरे का फैसला लिया. अपनी मुलाकात में ममत बनर्जी ने अमित शाह से कहा था कि एनआरसी की उनके राज्य यानि पश्चिम बंगाल में जरूरत नहीं थी.

ममता बनर्जी, जिन्होंने असम में एनआरसी के लिए एक मजबूत विपक्ष का नेतृत्व किया था, ने कहा था कि उन्होंने असम में गृह मंत्री को एनआरसी में कई अनियमितताओं को चिह्नित किया. टीएमसी और बीजेपी ने एनआरसी को लेकर एक दूसरे के प्रति विरोध दिखाया है. ममता बनर्जी ने केंद्र को बंगाल के किसी नागरिक को भी छूने और उन्हें आजमाने की चुनौती दी है. दरअसल नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2016 का उद्देश्य उन लोगों को नागरिकता प्रदान करना है, जिन्हें अपने घरेलू देशों में धार्मिक उत्पीड़न या उत्पीड़न के डर से भारत में शरण लेने के लिए मजबूर किया गया था. इसमें मुख्य रूप से हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और शामिल हैं अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के ईसाई शामिल हैं.

दूसरी ओर, एनआरसी – जिसकी अंतिम सूची असम समझौते के अनुसार 31 अगस्त को असम में जारी की गई थी – बांग्लादेश के अवैध प्रवासियों का पता लगाने और निर्वासित करने का प्रयास करता है. पश्चिम बंगाल में यह मुद्दा राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच का ताजा मुद्दा बन गया है. 2021 के विधानसभा चुनावों में विजय प्राप्त करने वाले इलाकों में पैठ बनाना चाह रही सरकार हर मुमकिन कदम उठाने के लिए तैयार है.

सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा प्रमुख अमित शाह 1 अक्टूबर को कोलकाता जाएंगे, तो उनके एनआरसी और संबंधित नागरिकता (संशोधन) विधेयक (सीएबी), 2016 दोनों पर अपनी पार्टी की स्थिति स्पष्ट करने की उम्मीद है. कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में मंगलवार को दोपहर 3 बजे के आसपास होने वाले एक कार्यक्रम के दौरान, केंद्रीय मंत्री के पश्चिम बंगाल के लोगों को यह बताने की उम्मीद की जाती है कि शेष भारत के लिए केंद्र की योजनाओं के साथ असम में एनआरसी का मिश्रण नहीं करना चाहिए.

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