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अमित शाह ने राजस्थान BJP के 15 नेताओं संग की बैठक, जानें क्या बनी रणनीति?

जयपुर. राजस्थान बीजेपी में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर टिकटों की अंतिम सूची तय करने और परिवर्तन यात्राओं के फीड बैक के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के प्रमुख जे पी नड्डा ने बुधवार को प्रदेश भाजपा के चुनिंदा 15 नेताओं के साथ बंद कमरे में मीटिंग की। इस बैठक में सांसद दीया […]

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अमित शाह ने राजस्थान BJP के 15 नेताओं संग की बैठक, जानें क्या बनी रणनीति?
  • September 28, 2023 8:23 am Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

जयपुर. राजस्थान बीजेपी में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर टिकटों की अंतिम सूची तय करने और परिवर्तन यात्राओं के फीड बैक के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के प्रमुख जे पी नड्डा ने बुधवार को प्रदेश भाजपा के चुनिंदा 15 नेताओं के साथ बंद कमरे में मीटिंग की। इस बैठक में सांसद दीया कुमारी को भी बुलाया गया था और लगभग आधे घंटे की मुलाकात के बाद दीया कुमारी मीटिंग से निकल गईं।

टिकट देने पर हुई चर्चा

इस मीटिंग में टिकट को लेकर चर्चा हुई और राजस्थान का चुनावी फीड बैक भी लिया गया। इस मीटिंग में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी शामिल रहीं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कुछ नेताओं के साथ वन टू वन मीटिंग भी की है। इस बैठक में टिकट वितरण, चुनाव रणनीति, प्रचार जैसे कई मुद्दों पर चर्चा की गई।

इन 15 नेताओं के साथ हुई बैठक

इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष सी पी जोशी, राजस्थान के चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी, सह चुनाव प्रभारी कुलदीप विश्नोई, सह चुनाव प्रभारी नितिन पटेल, सह प्रभारी राजस्थान, प्रभारी राजस्थान बीजेपी अरुण सिंह,विजय राहटकर, राजस्थान संगठन महामंत्री चंद्रशेखर, उप नेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया, सांसद राज्य वर्धन राठौड़ और चुनाव प्रबंध कमेटी अध्यक्ष नारायण पंचारिया शामिल थे।

क्या है भाजपा की रणनीति?

बीजेपी राजस्थान में अपनी चुनावी रणनीति प्रमुख रूप से महिलाओं और दलितों के खिलाफ अपराध, भ्रष्टाचार, पेपर लीक और हिंदुत्व जैसे मुद्दों पर केंद्रित कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को अपनी जनसभा में इन मुद्दों पर अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर भी निशाना साधा। बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी साफ किया कि इस साल के आखिरी में होने वाला विधानसभा चुनाव ‘कमल’ के निशान पर लड़ा जाएगा। जिसके बाद ऐसा माना जा रहा है कि पार्टी किसी भी स्थानीय नेता को आगे नहीं करेगी और दल ही सर्वोच्च रहेगा।

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