नई दिल्ली। अडानी-हिंडनबर्ग विवाद को लेकर विपक्षी पार्टियां लगातार मोदी सरकार पर हमलावर है। विपक्ष इस मामले की जांच के लिए जेपीसी गठन करने की मांग कर रहा है। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस विवाद पर चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में कहा है कि अगर किसी के पास सबूत है तो उसे सुप्रीम कोर्ट में पेश करना चाहिए। शाह ने कहा कि अगर कुछ भी गलत हुआ है तो किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
गृह मंत्री शाह ने आगे कहा कि अगर विपक्षी पार्टियां बातचीत करने के लिए आगे आती हैं तो संसद में जारी गतिरोध को खत्म किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर विपक्ष दो कदम आगे बढ़ाएगा तो सरकार भी दो कदम आगे बढ़ाएगी। इसके साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री ने राहुल गांधी के लंदन में दिए बयानों पर कहा कि कुछ ऐसे मुद्दे होते हैं तो राजनीति से ऊपर होते हैं, यहां तक की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी कभी विदेशी धरती पर घरेलू राजनीति पर चर्चा नहीं की थी।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि दोनों पक्षों को आमने-सामने बैठकर बातचीत करने की जरूरत है। जब वे (विपक्ष) दो कदम आगे बढ़ेंगे तो हम (सत्ता पक्ष) भी दो कदम आगे बढ़ेंगे। फिर संसद अपने आप चलना शुरू हो जाएगा। लेकिन आप सिर्फ प्रेस कॉनफ्रेंस करें और कुछ भी न करें तो ऐसे नहीं चल सकता है। दोनों पक्षों को एक-दूसरे से बातचीत करनी होती है।
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