नई दिल्लीः भाजपा के सबसे बड़े चुनावी वादों में से एक धारा 370 को हटाना था। साल 2019 में बीजेपी सत्ता में आई और अगस्त के महीने में गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में धारा 370 को हटाने का प्रस्ताव पेश किया, जिसे पारित कर लिया गया था। मोदी सरकार के इस फैसले को […]
नई दिल्लीः भाजपा के सबसे बड़े चुनावी वादों में से एक धारा 370 को हटाना था। साल 2019 में बीजेपी सत्ता में आई और अगस्त के महीने में गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में धारा 370 को हटाने का प्रस्ताव पेश किया, जिसे पारित कर लिया गया था। मोदी सरकार के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौता दी गई थी। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने फैसले को संवैधानिक तौर पर सही माना है। अब फैसले आने के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में अपनी बात रखी है। साथ ही पीओके को लेकर भी बोला हैं।
उन्होंने कहा कि 11 दिसंबर का दिन जम्मू कश्मीर के लिए ऐतिहासिक। कोर्ट ने राष्ट्रपति के अधिकार को माना। जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा मिलेगा। अब जम्मू कश्मीर के संविधान का कोई अस्तित्व नहीं। सियासत करने वालों को एससी से जवाब मिल गया। धारा 370 हटाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने माना धारा 370 अस्थायी था। हमारी सरकार का फैसला संवैधानिक था। आज का दिन सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। जम्मू कश्मीर में हम चुनाव करवाएंगे।
फैसले पर सवाल उठाने वालों को जवाब मिला। कांग्रेस ने कभी अच्छे काम का समर्थन नहीं किया। जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा मिलेगा। जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर विपक्ष की घोर पराजय हुई है। जम्मू कश्मीर के पास आंतरिक संप्रभुता नहीं था। कश्मीरी पंडित अपने राज्यों में ही विस्थापित है। धारा 370 से चिपक कर रहना चाहते हो 2024 में दो – दो हाथ कर लो। पीओके भारत का अभिन्न हिस्सा है। भारत से पीओके को कोई छिन नहीं सकता।