नई दिल्ली : दिल्ली एमसीडी चुनावों का परिणाम आने के बाद दिल्ली में आम आदमी पार्टी का कद और ऊपर हो गया है. इस समय राजधानी में AAP सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है क्योंकि वर्तमान में राज्य में तो उसकी सरकार है ही साथ ही दिल्ली एमसीडी पर भी अब AAP का कब्ज़ा होगा. […]
नई दिल्ली : दिल्ली एमसीडी चुनावों का परिणाम आने के बाद दिल्ली में आम आदमी पार्टी का कद और ऊपर हो गया है. इस समय राजधानी में AAP सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है क्योंकि वर्तमान में राज्य में तो उसकी सरकार है ही साथ ही दिल्ली एमसीडी पर भी अब AAP का कब्ज़ा होगा. जहां 134 सीटों पर बढ़त बनाते हुए एमसीडी चुनाव में आम आदमी पार्टी ने जीत का परचम लहरा दिया है. भाजपा को इन चुनावों में कुल 104 सीटों पर बहुमत प्राप्त हुई. हालांकि हार के बाद भी भाजपा की ओर से लगातार दावा किया जा रहा है कि दिल्ली में उसका मेयर आएगा. अब इन दावों के बाद भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय के एक ट्वीट ने सस्पेंस बढ़ा दिया है.
अमित मालवीय ने ट्वीट किया है जिसमें वह कहते हैं- ‘अब दिल्ली का मेयर चुनने की बारी…यह सब इस बात पर निर्भर करेगा कि कौन करीबी मुकाबले में नंबर किसके पास है। मनोनीत पार्षद किस तरह से मतदान करते हैं आदि। उदाहरण के लिए, चंडीगढ़ में भाजपा का मेयर है.’ दरअसल, भाजपा ने चंडीगढ़ में दूसरे नंबर पर रहते हुए भी अपना मेयर बनाया था. इसी तरह का दावा अब दिल्ली को लेकर भी किया जा रहा है.
बता दें, एमसीडी चुनाव में दलबदल का कानून लागू नहीं होता है. ऐसे में ये संभव है कि मेयर के चुनाव के समय क्रॉस वोटिंग हो. भाजपा के दावों से भी इसी बात का संदेश मिल रहा है.
दूसरी ओर केंद्र में भी भाजपा की ही सरकार है. ऐसे में भाजपा के पास अभी भी 12 मनोनीत सदस्यों की शक्ति है. सीटों की संख्या देखें तो भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच कुछ ज़्यादा का फर्क नहीं है. 30 सीटों के अंतर से आम आदमी पार्टी भाजपा पर हावी है. हालांकि मनोनीत सदस्यों के बाद ये संख्या 18 हो जाएगी. ऐसे में ये संभव है कि भाजपा बाकी की सीटों को मिलाकर और राजनीतिक हेर फेर कर दिल्ली में हार के बाद भी अपना मेयर लेकर आ जाए.
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