नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में प्रसाद को लेकर जो विवाद चल रहा है, इसमें अब कई मंदिरों ने सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में भक्तों को जो प्रसाद बांटा जा रहा था उसमें कथित तौर पर जानवरों की चर्बी मिलाए जाने को लेकर […]
नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में प्रसाद को लेकर जो विवाद चल रहा है, इसमें अब कई मंदिरों ने सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में भक्तों को जो प्रसाद बांटा जा रहा था उसमें कथित तौर पर जानवरों की चर्बी मिलाए जाने को लेकर कई सवाल खड़े हुए हैं। इसी बीच अब लखनऊ के प्रसिद्ध मनकामेश्वर मंदिर ने प्रसाद को लेकर बड़ा कदम उठाया है।
लखनऊ के प्रसिद्ध मनकामेश्वर मंदिर ने प्रसाद को लेकर बड़ा ऐलान हुआ है। जहां श्रद्धालुओं द्वारा बाहर से लाकर प्रसाद चढ़ाने पर अब प्रतिबंध लगा दिया गया है। मंदिर के महंत देव्या गिरि ने इस मामले में सभी भक्तों से कहा है कि आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में श्रद्धालुओं को जो मिलावटी प्रसाद बांटा गया या जो प्रसाद भगवान को भोग स्वरूप चढ़ाया गया उसके बाद हम लोगों ने भक्तों से आग्रह किया है कि वे मंदिर में अपने आराध्य को जो प्रसाद चढ़ाएं उसमें मांसाहार का कोई तत्व नहीं होना चाहिए।
देव्या गिरि ने कहा कि सभी भक्तों से ये अनुरोध है कि वह अपने आराध्य को घर के बने घी से ही प्रसाद लेकर आएं। या फिर इसके अलावा वह सूखे मेवे का पकवान बनाकर अन्यथा फलों का भोग भी लगा सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि मंदिर द्वारा लागू की गई इस नई व्यवस्था को लेकर भक्तों को कुछ कठिनाई जरूर हो रही है, परंतु हिंदू धर्म में शाकाहार कैसे सुनिश्चित हो सके, इस बात की जिम्मेदारी सभी लोगों की है। मंदिर में प्रसाद के तौर पर मांसाहार भी परोसा जाएगा इस बात का किसी को अंदाजा नहीं था। यह बहुत बड़ी घटना है।
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देव्या गिरि ने कहा कि हमारी सनातन आस्था पर इस घटना से काफी बड़ा आघात पहुंचा है। इसलिए हिंदू धर्म के सभी मठ मंदिरों के एकजुट होकर यह प्रयास करना होगा कि कैसे हम शाकाहारी प्रसाद दें। देव्या गिरि ने आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में प्रसाद को लेकर कहा कि जिन लोगों ने भी तिरुपति मंदिर में मिलावटी प्रसाद ग्रहण करने वाले श्रद्धालुओं का धर्म भ्रष्ट किया है उन्हें मृत्यु दंड मिलना चाहिए। प्रसाद में मिलावट करना एक अक्षम्य अपराध है। सके जिम्मेदार लोगों को फांसी से कम सजा नहीं होनी चाहिए।
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