America ends Iran Oil Exports: ईरान से कच्चे तेल के आयात पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 मई से किसी भी देश को छूट न देने का फैसला किया है. जिसका प्रभाव भारत समेत 8 देशों पर पड़ेगा. ईरान से तेल की आयात रुक जाने से देश में पेट्रोल-डीजल के दाम भी बढ़ सकते हैं.
नई दिल्ली. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान से कच्चे तेल के आयात पर 2 मई से किसी भी देश को छूट न देने का निर्णय किया है. इसका सीधा असर भारत और चीन पर पड़ सकता है. देश में पेट्रोल-डीजल के दाम और ज्यादा बढ़ सकते हैं. हालांकि भारत सरकार का कहना है कि वह पहले से ही अमेरिका के इस फैसले के प्रभावओं का अध्ययन कर रही है.
व्हाइट हाउस के ओर से जारी सूचना के अनुसार, अमेरिका ने ईरान से कच्चा तेल आयात करने वाले भारत समेत अन्य देशों पर पांबदी लगाने का फैसला किया है. पिछले साल 2018 में अमेरिका ने 8 देशों को ईरान से तेल आयात के बजाय विकल्प खोजने के लिए 180 दिनों की छूट दी थी.
ईरान से सबसे ज्यादा तेल आयात करता है भारत
भारत और चीन ईरान से सबसे अधिक मात्रा में तेल आयात करता है. ऐसे में अगर अमेरिका के फैसले के खिलाफ जाकर ईरान से तेल आयात करते हैं तो इससे देशों के बीच तनाव बढ़ सकता है जिसका असर दूसरे मुद्दों पर काफी देखने को मिल सकता है.
अमेरिका के फैसले का भारतीय शेयर बाजार पर असर
अमेरिका के ईरान से तेल आयात पर पाबंदी से छूट खत्म करने के फैसले का असर भारतीय शेयर बाजार पर देखने को मिला है. दरअसल, इस खबर के बाद कच्चे तेल की कीमत में आई तेजी के बीच रुपए की विनिमय दर 32 पैसे गिरने के बाद 69.67 रुपए प्रति डॉलर पर रुकी है.
नवंबर 2018 में अमेरिका ने 8 देशों को दी थी दूसरे विकल्प तलाशने की छूट
अमेरिका ने 8 देश यूनान, इटली, ताइवान, भारत, चीन, तुर्की, जापान और दक्षिण कोरिया को साल 2018 नवंबर में ईरान से तेल आयात के बदले दूसरे विकल्प तलाशने के लिए 180 दिनों की मोहलत दी थी. अमेरिका की ओर से दी गई समय सीमा 2 मई को खत्म हो रही है.
यूनान, इटली और ताइवान ने पहले ही ईरान से आयात बंद कर दिया है. हालांकि भारत, तुर्की, जापान, चीन और दक्षिण कोरिया वर्तमान में ईरान से तेल इम्पॉर्ट कर रहे हैं जिन्हें 2 मई से रोक लगानी होगी. और अगर ऐसा नहीं होता है तो अमेरिकी प्रतिबंध को झेलने के लिए तैयार रहना होगा.