नई दिल्ली: इराक और सीरिया में ईरान समर्थित ठिकानों पर अमेरिका ने एयर स्ट्राइक की है। इस अटैक में करीब 40 नागरिक मारे गए हैं और 25 लोग घायल हो गए हैं। बता दें कि इस घटना की जानकारी प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल-सुदानी के ऑफिस ने दी है। एक बयान में बोला गया है कि […]
नई दिल्ली: इराक और सीरिया में ईरान समर्थित ठिकानों पर अमेरिका ने एयर स्ट्राइक की है। इस अटैक में करीब 40 नागरिक मारे गए हैं और 25 लोग घायल हो गए हैं। बता दें कि इस घटना की जानकारी प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल-सुदानी के ऑफिस ने दी है। एक बयान में बोला गया है कि हमलों को इराक की संप्रभुता के खिलाफ एक नई आक्रामकता के रूप में लिया गया है। इस दौरान बयान में इस हमले की खूब निंदा की गई है और साथ ही इस बात से इनकार किया कि इराक सरकार ने(America) पहले से ही वॉशिंगटन के साथ बातचीत की थी।
आपको बता दें कि इराक सरकार ने बयान में बोला है कि इस क्षेत्र में अमेरिकी नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन की मौजूदगी, इराक में सुरक्षा व स्थिरता के लिए खतरा के साथ ही क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय संघर्षों में इराक को शामिल करने का कारण बन गई है।
वहीं अब इराक सरकार ने कहा कि कई अमेरिकी विमानों ने आकाशत और अल-क़ैम क्षेत्रों में बमबारी की है। जिनमें कि वे क्षेत्र भी शामिल थे, जहां पर हमारे सुरक्षा बल तैनात हैं, इसके साथ ही वे आसपास के नागरिक स्थान भी शामिल थे। इस हमले के वजह से नागरिकों समेत 40 लोग मारे गए हैं और 25 घायल हो गए हैं और इस हमले के वजह से आवासीय भवनों और नागरिकों की संपत्ति को काफी नुकसान हुआ है।
आगे उन्होंने कहा कि अमेरिका वाले पक्ष ने जानबूझकर इस हमले को अंजाम देने के लिए इराकी अधिकारियों के साथ समन्वय बताते हुए तथ्यों को धोखा देने और विकृत करने में लगा हुआ है और ये हवाई हमला इराक में सुरक्षा स्थिति को रसातल के कगार पर पहुंचा देगा, जिस के कारण आवश्यक स्थिरता स्थापित करने के लिए चल रहे प्रयास खतरे में पड़ जाएंगे।
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