अमेरिका: नई दिल्ली। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को गर्भपात के लिए संवैधानिक अधिकार को खत्म कर दिया। जिसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने निराशा जाहिर की है। उन्होंने कानून की वकालत करते हुए कहा कि ये खतरनाक कदम होने वाला है। दूसरी तरफ सर्वोच्च अदालत के इस फैसले के तुरंत बाद रिपब्लिकन पार्टी […]
नई दिल्ली। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को गर्भपात के लिए संवैधानिक अधिकार को खत्म कर दिया। जिसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने निराशा जाहिर की है। उन्होंने कानून की वकालत करते हुए कहा कि ये खतरनाक कदम होने वाला है। दूसरी तरफ सर्वोच्च अदालत के इस फैसले के तुरंत बाद रिपब्लिकन पार्टी के शासन वाले अमेरिकी राज्यों ने तुरंत गर्भपात पर प्रतिबंध लगा दिया।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा गर्भपात अधिकार खत्म करने के बाद राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कानून की वकालत करते हुए कहा कि अब हमें स्थानीय स्तर पर इसकी रक्षा के लिए और अधिक राज्य के नेताओं को चुनने की जरूरत है। अमेरिका के कानून के रूप में हमें रो की सुरक्षा बहाल करने की जरूरत है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि गर्भपात को लेकर लिए गए इस कोर्ट के इस फैसले से गर्भनिरोधक, समलैंगिक विवाह के अधिकार कमजोर होंगे।
कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि वो गर्भपात अधिकार की रक्षा के लिए वो सब कुछ करेंगे जिसे वो कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण क्षण है। देश की सुप्रीम कोर्ट ने आज स्पष्ट रूप से अमेरिकी लोगों से एक संवैधानिक अधिकार छीन लिया है। जिसे उसने ही पहले मान्यता दी थी। राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिकियों के ऐसे महत्वपूर्ण अधिकार के लिए ऐसा फैसला पहले कभी नहीं किया गया है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कुछ देर बाद ही रिपब्लिकन पार्टी के शासन वाले अमेरिका राज्यों में गर्भपात अधिकार पर प्रतिबंध लगाने के आदेश दिए गए। गौरतलब है कि रिपब्लिकन पार्टी के साथ बाकी कंजरवेटिव समूह लगातार गर्भपात का अधिकार देने के खिलाफ अमेरिका में मुहिम चलाते रहे हैं। दूसरी तरफ डेमोक्रेटिक पार्टी और अन्य प्रगतिशील खेमा हमेशा से ही इस अधिकार के समर्थक रहे हैं।
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