नई दिल्ली. सरकार को आज सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा. सुप्रीम कोर्ट ने नरेंद्र मोदी सरकार के आदेश को निरस्त कर दिया है जिसमें कहा गया था कि सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा छुट्टी पर जाएं. इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में आलोक वर्मा ने ही चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश के खिलाफ दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया है. इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आलोक वर्मा को कानून के तहत बतौर सीबीआई डायरेक्टर छुट्टी पर भेजे जाने का अधिकार नहीं है. फैसले से अब आलोक वर्मा सीबीआई डायरेक्टर पद पर बहाल हो गए हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि अभी आलोक वर्मा अपने पद पर बहाल होंगे लेकिन वो किसी भी तरह के नीतिगत फैसले नहीं ले सकते. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए की प्रधानमंत्री, नेता विपक्ष और चीफ जस्टिस की एक सेलेक्ट कमिटी तैयार की जाए. एक हफ्ते में ये कमिटी आलोक वर्मा के मामले पर विचार करे. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को कहा कि आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजने से पहले सेलेक्ट कमिटी से इजाजत लेनी चाहिए.
जानें सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर विपक्ष की कांग्रेस और बाकि पार्टियों ने किस तरह की प्रतिक्रिया दी.
अरुश जेटली ने कहा, ‘सीबीआई पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करेगी सरकार. सरकार की मंशा पर सवाल उठाना गलत है. सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले को विस्तार से पढ़ेगी. सरकार ने निष्पक्ष जांच के लिए और जांच एजेंसी की साख बचाने के लिए दोनों अधिकारियों को छुट्टी पर भेजा गया था. सीवीसी से चर्चा के बाद सीबीआई के दो वरिष्ठ अधिकारियों को छुट्टी पर भेजने का फैसला लिया गया था.’
कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा, ‘हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं. आलोक वर्मा को गैरकानूनी तरीके से सीबीआई निदेशक पद से हटाने के सरकार के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला चाबुक की तरह है. सुप्रीम कोर्ट ने आलोक वर्मा को बतौर निदेशक बहाल कर दिया है.’
अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट द्वारा आलोक वर्मा को सीबीआई डायरेक्टर पद पर बहाल करने का फैसला प्रधानमंत्री के लिए कलंक की तरह है. मोदी सरकार ने हमारे देश के सभी संस्थान और लोकतंत्र को बर्बाद कर दिया है. क्या सीबीआई निदेशक को गैर कानूनी तरीके से आधी रात को खुद पीएम तक पहुंचने वाले राफेल घोटाले में जांच को रोकने के लिए नहीं हटाया गया था?’
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा, ‘हम किसी एक व्यक्ति के खिलाफ नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत है. ये सरकार के लिए एक सबक है. आज आप लोगों को दबाने के लिए इन एजेंसी का इस्तेमाल करेंगे, कल कोई और करेगा. तब लोकतंत्र का क्या होगा?’
वरीष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने इस फैसले पर कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने आलोक वर्मा को हटाने वाले सरकार के आदेश को निरस्त कर दिया. लेकिन उस समय को वापस नहीं किया जब उन्हें गैर कानूनी तरीके से दूर रखा गया. साथ ही उन्हें आगे भी कोई फैसला लेने से मना कर दिया है. फिर भी ये सब उन्हें एफआईआर रजिस्ट्रेशन के फैसले लेने और जांच करने के लिए नहीं रोकेगा.’
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