प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मौजूदा कार्यकाल का अंतिम पूर्ण बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सांसदों के वेतन और भत्ते में वृद्धि किए जाने की बात कही थी. इसके बाद पीएम मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई जिसमें सांसदों के पांच भत्तों में वृद्धि किए जाने का प्रस्ताव हुआ.
नई दिल्ली. सांसदों के भत्ता बढ़ाने के प्रस्ताव को संसद की ‘ज्वांइट कमेटी ऑन सैलरी एंड एलाउंसेस’ ने स्वीकार कर लिया है. इसके साथ ही सांसदों का संसदीय भत्ता 45000 से 70000 रुपये हो गया है. कैबिनेट ने संसदीय मामलों की सिफारिशों को मानते हुए यह तय किया था कि 1 अप्रैल 2018 से संसदीय भत्ता संसदीय भत्ता 45000 रुपये प्रति महीने से बढ़ाकर 70,000 प्रति महीना किया जाएगा. पिछले महीने 28 फरवरी को सांसदों के भत्तों में बढ़ोत्तरी के लिए तीन अहम संसद के नियमों में बदलाव के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंज़ूरी दे दी थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में तय किया गया था कि सांसदों को मिलने वाले पांच भत्तों में बढ़ोतरी की जाएगी. इसके साथ ही सांसदों के मिलने वाला ऑफिस एक्सपेंस भत्ता 1 अप्रैल 2018 से मौजूदा 45,000 प्रति महीने से बढ़ाकर 60,000 रुपये प्रति महीना करने का प्रस्ताव था. सांसदों के घरों पर फर्नीचर खरीदनें के लिए भत्ता 75,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख किया करने और सांसदों के घरों में वाई-फाई जोन की सुविधा के लिए ब्रॉडबैंड की सेवा का विस्तार करने का प्रस्ताव किया गया था. इसके साथ ही सांसदों को बेहतर मंथली टैरिफ प्लान भी मुहैया कराया जाएगा.
बता दें कि इससे पहले वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बजट में सांसदों का भत्ता बढ़ाए जाने का ऐलान किया था. उन्होंने सांसदों की सैलरी भी 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख करने की बात कही थी. अब संसद की ज्वाइंट कमेटी ऑन सैलरी एंड एलोएन्सेस के फैसले के बाद इसे लोकसभा स्पीकर और राज्यसभा चेयरमैन के पास भेजा जाएगा. उनकी मंज़ूरी के बाद 1 अप्रैल 2018 से सांसदों को बढ़ा हुआ भत्ता मिलने लगेगा. केंद्र एक सांसद पर प्रति माह करीब 2.7 लाख रुपए खर्च करता है.
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