अलीगढ़. बीते गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में सुरक्षाबलों द्वारा मारे गए दो आतंकियों नें से एक मन्नान बशीर वानी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के स्कॉलर था. उसके मारे जाने की खबर एएमयू के छात्रों को लगी तो कुछ छात्रों ने उसे शहीद घोषित कर दिया. यहां तक कि उसके लिए नमाज-ए-जनाजा पढ़ने की कोशिश भी की गई. इसको लेकर बवाल मचा तो ऐसा करने वाले तीन छात्रों को निलंबित कर दिया गया. वहीं अन्य चार को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है. बता दें कि मन्नान बशीर वानी आतंकि संगठन हिजबुल मुजाहिदीन में जा शामिल हुआ था.
छात्रों ने सोशल मीडिया के जरिए जानकारी दी थी कि गुरुवार को साढ़े तीन बजे कैनेडी हॉल परिसर में मन्नान बशीर वानी के लिए नमाज-ए-जनाजा का आयोजन किया जाएगी. ऐसे में कश्मीर के लगभग 150 छात्र समय पर वहां पहुंचे भी. जब कुछ सीनियर छात्रों ने इसका विरोध किया तो बवाल हो गया और प्रोक्टोरिअल बोर्ड भी मौके पर पहुंचा. सीनियर छात्रों की समझदारी के चलते स्थिति कंट्रोल में रही नहीं तो बवाल बहुत अधिक हो सकता था.
मौके पर पहुंचे सुरक्षाकर्मियों ने शोकसभा कर रहे छात्रों को वहां से दौड़ाया. जो छात्र मन्नान को शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे हैं उनको विश्वविद्यालय प्रशासन ने कारण बताओ नोटिस दे दिया है. गौरतलब है कि मन्नान दिसंबर 2017 में यूनिवर्सिटी से घर के लिए रवाना हुआ था लेकिन वह घर पहुंचा ही नहीं. 4 जनवरी 2018 तक वह अपने परिजनों के साथ केवल फोन पर बातचीत करता रहा. इसके बाद 5 जनवरी को उसने हिजबुल मुजाहिद्दीन में शामिल होने की बात कही.
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