नई दिल्ली। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल (Kabul) में अमेरिका ने ड्रोन से हमला कर अलकायदा चीफ अल-जवाहिरी को मौक के घाट उतार दिया है। जहां एक तरफ अमेरिका को इस ऑपरेशन (Counter-Terrorism Operation) के बाद आतंकवाद के खिलाफ बड़ी कामयाबी मिली है. वहीं, दूसरी तरफ से जानकारी मिल रही है कि इस ऑपरेशन को अंजाम दिए जाने से पहले ही भारत के पास इस हमले की जानकारी थी. जानकारी के मुताबिक हमले के बारे में भारत को 31 जुलाई से ही मालूम था. लेकिन अमेरिका की तरफ से हमले कि औपचारिक एलान और घोषणा का भारत का इंतजार कर रहा था.
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने दावा किया कि अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में रविवार की सुबह 6 बजकर 18 मिनट पर एक हवाई हमले के दौरान अल-कायदा चीफ अल-जवाहिरी (Al-Zawahiri) को मार गिराया गया है. टेलीविजन पर संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि इंसाफ अब हो गया है और आतंकी अब जिंदा नहीं रहा है. वो मर चुका है।
गौरतलब है कि अमेरिका के इस ऑपरेशन की अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने कड़ी निंदा की है. अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद (Zabiullah Mujahid) ने अपनी पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि में अमेरिकी कार्रवाई की आलोचना करता हूं. साथ ही, तालिबान सरकार ने हमले को अंतरराष्ट्रीय मानकों और दोहा समझौते का उल्लंघन करार दिया है.
वहीं, जवाहिरी की मौत को अमेरिका एक बड़ी जीत के रूप में पेश करेगा विशेष रूप से पिछले साल अफगानिस्तान में तालिबान (Taliban) की अराजक वापसी के बाद, लेकिन जवाहिरी ने अपेक्षाकृत कम प्रभाव डाला क्योंकि इस्लामिक स्टेट जैसे नए समूह और आंदोलन तेजी से प्रभावशाली बन गए हैं.
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