चंडीगढ़/लखनऊ: हरियाणा में विधानसभा चुनाव का प्रचार अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है. राज्य में 5 अक्टूबर को वोटिंग होगी. इससे पहले सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. पिछले 10 सालों से हरियाणा की सत्ता पर काबिज बीजेपी जहां फिर से सरकार बनाने की कोशिशों में जुटी […]
चंडीगढ़/लखनऊ: हरियाणा में विधानसभा चुनाव का प्रचार अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है. राज्य में 5 अक्टूबर को वोटिंग होगी. इससे पहले सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. पिछले 10 सालों से हरियाणा की सत्ता पर काबिज बीजेपी जहां फिर से सरकार बनाने की कोशिशों में जुटी हुई है. वहीं, विपक्षी कांग्रेस पार्टी 10 साल के वनवास को खत्म करने का प्रयास कर रही है.
हरियाणा में चुनाव प्रचार के बीच कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सहयोगी समाजवादी पार्टी (सपा) की सांसद इकरा हसन हरियाणा में एक निर्दलीय उम्मीदवार का प्रचार कर रही हैं. इकरा ने पानीपत की समालखा विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र मछरौली के लिए प्रचार किया है.
समालखा सीट पर मछरौली के पक्ष में वोट मांगते हुए इकरा ने कहा कि वह अपने भाई के प्रचार करने आई हैं. उन्होंने कहा कि रविंद्र मछरौली ने बुरे वक्त में मेरी बहुत मदद की है. आज जब उनको मेरी जरूरत है तो मैं सारी चीज छोड़कर अपने भाई की मदद करने आ गई हूं. बता दें कि सपा सांसद के कांग्रेस प्रत्याशी धरम सिंह के बजाय निर्दलीय उम्मीदवार के लिए प्रचार करने से हरियाणा में राजनीति में हड़कंप मच गया है.
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