सपा प्रमुख ने तय किया है कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव वाले फॉर्मूले से विधानसभा का भी चुनाव लड़ेगी। मालूम हो कि 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को यूपी में अप्रत्याशित सफलता मिली थी। सपा 37 सीटों के साथ यूपी में लोकसभा सांसदों के लिहाज से सबसे बड़ी पार्टी बन गई।
लखनऊ/नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने 2027 के यूपी विधानसभा की तैयारी शुरू कर दी है। सपा प्रमुख ने तय किया है कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव वाले फॉर्मूले से विधानसभा का भी चुनाव लड़ेगी। मालूम हो कि 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को यूपी में अप्रत्याशित सफलता मिली थी। सपा 37 सीटों के साथ यूपी में लोकसभा सांसदों के लिहाज से सबसे बड़ी पार्टी बन गई।
सपा ने लोकसभा चुनाव 2024 से पहले पूरे यूपी में संगठन को मजबूत करने के लिए बड़े स्तर पर अभियान चलाया था। इस दौरान समाजवादी पार्टी ने प्रदेश के सभी जिलों में PDA (पिछड़ा+दलित+अल्पसंख्यक) पंचायत की थी। इस पंचायत में पीडीए के तीनों वर्गों को साधा गया। सपा के बड़े नेताओं ने इन पंचयातों में हिस्सा लिया। पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव भी खुद कई जिलों की पंचायत में शामिल हुए थे। इसका नतीजा ये हुआ कि लोकसभा चुनाव में पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक समाज सपा के पक्ष में एकजुट हुआ और पार्टी को सबसे ज्यादा सीटें मिलीं।
लोकसभा चुनाव में सपा और कांग्रेस के गठबंधन को दलितों का काफी वोट मिला था। हालांकि यूपी में दलितों का एक बड़ा धड़ा अभी भी मायावती के पास है। आम चुनाव में मायावती की बहुजन समाज पार्टी (BSP) को 9.39% वोट मिले थे। अखिलेश की नजर अब मायावती इसी वोट पर है। यही वजह है कि सपा अब दलितों को अपने पाले मे खींचने के लिए बड़ी कोशिश करने जा रही है। सपा अब लोकसभा की तरह विधानसभा चुनाव से पहले यूपी के सभी जिलों में पीडीए पंचायत करेगी। इस दौरान पार्टी पीडीए के D यानी दलितों को साधने की ज्यादा कोशिश करेगी।
वहीं, यूपी की सत्ताधारी पार्टी- बीजेपी अब अखिलेश के इस पीडीए वाले फॉर्मूले की काट ढूंढने में जुट गई है। 2017 और 2022 में पूर्ण बहुमत से यूपी जीतने वाली बीजेपी 2027 के चुनाव में सपा को किसी प्रकार की बढ़त देने के मूड में नहीं है। बताया जा रहा है कि बीजेपी शीर्ष नेतृत्व जल्द ही यूपी के प्रादेशिक संगठन में बदलाव करेगा। भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव में मिले झटके से सबक लेते हुए 2027 की तैयारी शुरू करने वाली है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी पार्टी के कार्यक्रमों में ज्यादा भागीदारी लेना शुरू कर दिया है।
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