बेंगलुरु: कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी अब भाजपा में शामिल हो चुके हैं. उनके भाजपा में जाने से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. साथ ही ये बड़ा बदलाव कर्नाटक चुनाव से महज कुछ दिन पहले ही हुआ है. लेकिन सवाल ये बनता है कि आखिर […]
बेंगलुरु: कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी अब भाजपा में शामिल हो चुके हैं. उनके भाजपा में जाने से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. साथ ही ये बड़ा बदलाव कर्नाटक चुनाव से महज कुछ दिन पहले ही हुआ है. लेकिन सवाल ये बनता है कि आखिर पार्टी के इतने दिग्गज नेता के बेटे होने के बाद कांग्रेस और अनिल के बीच खटपट कैसे शुरू हो गई?
दरअसल अनील के कांग्रेस के लिए विलेन बनने की कहानी पीएम मोदी पर बनी बीबीसी की विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री से शुरू होती है. उन्होंने पीएम मोदी पर बनी विवादित डॉक्यूमेंट्री की आलोचना कर इसी साल जनवरी में अपना इस्तीफ़ा पार्टी को सौंप दिया था. उन्होंने उस समय कहा था कि कांग्रेस में कई लोगों का विचार है कि उनका धर्म एक परिवार के लिए काम करना है. अनिल ने आगे बताया था कि उनका धर्म किसी परिवार के लिए नहीं बल्कि देश के लिए काम करना है.
गुरुवार को पार्टी के दामन थामते हुए अनिल एंटनी ने कहा कि उनके अनुसार पीएम के नेतृत्व में अगले 25 वर्षों में भारत को एक विकसित देश बनाने का विजन है. साथ ही उन्होंने पीएम के राष्ट्र निर्माण के विजन में योगदान देने की बात कही है.
Despite large differences with BJP, I think those in 🇮🇳 placing views of BBC, a 🇬🇧 state sponsored channel with a long history of 🇮🇳 prejudices,and of Jack Straw, the brain behind the Iraq war, over 🇮🇳 institutions is setting a dangerous precedence,will undermine our sovereignty.
— Anil K Antony (@anilkantony) January 24, 2023
अब आपको बता देते हैं वो ट्वीट जिससे अनिल और कांग्रेस के बीच खटास की शुरुआत हुई. उन्होंने ये ट्वीट 24 जनवरी को किया था जिसमें लिखा था, ‘बीजेपी के साथ बड़े मतभेदों के बावजूद, मुझे लगता है कि जो लोग बीबीसी, एक राज्य प्रायोजित चैनल के पूर्वाग्रहों के लंबे इतिहास के साथ, और जैक स्ट्रॉ, इराक युद्ध के पीछे दिमाग, संस्थानों के विचार रख रहे हैं एक खतरनाक मिसाल, हमारी संप्रभुता को कमजोर कर देगी।’ बता दें, इस ट्वीट के बाद से ही अनिल और कांग्रेस के बीच खटपट शुरू हुई थी.
पार्टी से इस्तीफ़ा देते हुए उन्होंने कहा था कि उनपर ट्वीट डिलीट करने का दबाव बनाया जा रहा था. असहिष्णुता के साथ दबाव बनाए जाने के कारण उन्होंने ट्वीट डिलीट करने से मना कर दिया. इसके साथ ही अनिल ने अपना इस्तीफे के पत्र को भी ट्वीट किया था.
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