अजमेर शरीफ दरगाह में महादेव मंदिर होने का विवाद बढ़ता जा रहा है. दरगाह के प्रमुख सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान का जिक्र करते हुए कहा है कि मस्जिदों में कब तक शिव मंदिर ढूंढोगे. आज तक ऐसे विवादों का हल झगड़े से निकला है क्या!
अजमेर. अजमेर दरगाह के प्रमुख सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने दरगाह में महादेव मंदिर होने और कोर्ट में याचिका दाखिल होने पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत के 2022 में दिये गये बयान की याद दिलाई है जिसमें उन्होंने कहा था कि मस्जिदों में कब तक मंदिर ढूंढोगे? अली खान ने कहा कि ऐसे तो ढूंढते रह जाओगे. साथ में उन्होंने यह भी जोड़ा कि उनके पास हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के वकीलों का पैनल है वह उनसे राय मशविरा करने के बाद ही कोई कदम उठाएंगे.
अजमेर दरगाह के प्रमुख ने कहा कि कोई भी अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए स्वतंत्र है लेकिन सुनवाई और सबूत पेश करने के बाद ही किसी नतीजे तक पहुंचा जा सकता है न कि एकतरफा. उन्होंने यह भी कहा कि सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए ऐसी याचिकाएं दाखिल की जाती है. न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा कि संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि कब तक मस्जिद के अंदर शिव मंदिर ढूंढोगे. संभल में जो हुआ उसकी जितनी निंदा की जाय कम है. आखिर जो हुआ उससे क्या हल निकला. पांच लोगों की जान चली गई जिनमें से दो के घर कोई और कमाने वाला नहीं है लेकिन इसका उन्हें मलाल नहीं.
#WATCH | Rajasthan: On a suit claiming Shiva temple within Ajmer Sharif Dargah, the Spiritual Head of the dargah, Syed Zainul Abedin Ali Khan says, “Anyone can go to the court, but only after hearings and production of evidence anything can be decided…Anyone can do this (file… pic.twitter.com/xBY0rN6AEI
— ANI (@ANI) November 29, 2024
दरगाह प्रमुख ने सवालिया लहजे में कहा कि 1947 से देश के प्रधानमंत्री गरीबनवाज के लिए चादर भेजते आ रहे हैं. कई राज्यों के मुख्यमंत्री और राज्यपाल भी चादर भेजते हैं. आरएसएस प्रमुख की ओर से चादर चढ़ाई जाती है. उनकी भावनाओं का क्या करेंगे जो हिंदू अपनी दुकान खोलेने से पहले उसकी चाबी सीढ़ियों पर रख जाते हैं. महिलाएं अपने बच्चों को लेकर मस्जिद के बाहर खड़ी रहती हैं कि कोई मस्जिद से नमाज पढ़कर जाए तो उनके बच्चों को फूंक मारता जाए ताकि बच्चे की बीमारी ठीक हो जाए.
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