नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी लोकसभा सीट पर फिर से उम्मीदवार बनाए गए उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अजय राय ने कहा है कि इस बार बनारस में इंडिया और एनडीए गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है। चुनाव में स्थानीय बनाम बाहरी का मुद्दा खासा प्रभाव रहेगा। राय ने आगे कहा कि इस […]
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी लोकसभा सीट पर फिर से उम्मीदवार बनाए गए उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अजय राय ने कहा है कि इस बार बनारस में इंडिया और एनडीए गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है। चुनाव में स्थानीय बनाम बाहरी का मुद्दा खासा प्रभाव रहेगा। राय ने आगे कहा कि इस दफा लोकसभा चुनाव सीधे तौर पर इंडिया गठबंधन और एनडीए के बीच होगा। इससे समीकरण बदल गए हैं और चुनावी माहौल भी बिल्कुल परिवर्तित हो चुका है।
वाराणसी की कोलअसला सीट से तीन बार और पिंडरा सीट से एक दफा विधायक चुने गए अजय राय ने कहा कि इस बार वाराणसी में ‘स्थानीय बनाम बाहरी उम्मीदवार’ का मुद्दा भी हावी है। बता दें कि राय ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में भी मोदी के खिलाफ मैदान में उतरने पर स्थानीय बनाम बाहरी’ का मुद्दा उठाया था लेकिन दोनों बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
अजय राय ने कहा कि प्रधानमंत्री का संसदीय निर्वाचन क्षेत्र होने के बावजूद पिछले 10 वर्षों में वाराणसी की बुनियादी समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं और जो विकास कार्य हुए भी हैं उनमें गुजरात लॉबी को ही फायदा पहुंचाने की कोशिश की गई है।
राय ने आरोप लगाया कि वाराणसी में जो भी स्थाई नौकरियां पैदा हुईं उन पर गुजरात के लोगों को ही नियुक्त किया गया है। इससे आम आम लोगों में यह धारणा बैठ चुकी है कि उन्हें उन्हीं के घर में रोजगार से वंचित किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि वाराणसी के स्थानीय लोग अब इस बात पर एकमत हो रहे हैं कि कोई भी बाहरी उम्मीदवार उनके दुख-दर्द को नहीं समझ सकता, लिहाजा अब वे परिवर्तन करने का मन बना चुके हैं।