नई दिल्लीः देश की हवा लगातार प्रदूषित होती जा रही है, खासकर महानगरों की। इसी क्रम राजधानी दिल्ली के साथ – साथ कई और शहरों में सोमवार यानी 23 अक्टूबर को वायु गुणवत्ता बहुत खराब दर्ज की गई। इसके साथ ही कई ऐसे भी शहर है जहां पर वायु गुणवत्ता अच्छी पाई गई है जिसकी […]
नई दिल्लीः देश की हवा लगातार प्रदूषित होती जा रही है, खासकर महानगरों की। इसी क्रम राजधानी दिल्ली के साथ – साथ कई और शहरों में सोमवार यानी 23 अक्टूबर को वायु गुणवत्ता बहुत खराब दर्ज की गई। इसके साथ ही कई ऐसे भी शहर है जहां पर वायु गुणवत्ता अच्छी पाई गई है जिसकी लिस्ट जारी की गई है। वहीं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड यानी सीपीसीबी के अनुसार ग्रेटर नोएडा, दिल्ली, फरीदाबाद और मुजफ्फरनगर में वायु गुणवत्ता बहुत ही खराब पाई गई है।
जानिए कैसे तय होती है वायु की गुणवत्ता
बता दें कि वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 0-50 के बीच अच्छा और 51- 100 के बीच संतोषजनक माना जाता है। इसके अलावा 101-200 के बीच मध्यम और 201-300 के बीच बहुत खराब और 401-500 के बीच को गंभीर श्रेणी में रखा जाता है।
इन शहरों का वायु गुणवत्ता खराब
सीपीसीबी ने सबसे खराब वायु वाले टॉप 10 शहरों की सूची जारी की है। इसमे पहले नंबर पर ग्रेटर नोएडा है। यहां का वायु गुणवत्ता 354 दर्ज किया गया है। वहीं उत्तर प्रदेश के फरीदाबाद का 322, दिल्ली का 313 एक्यूआई दर्ज किया गया है। इससे साफ है कि यहां की हवा भी बहुत ज्यादा प्रदूषित है।
इन शहरों की भी वायु गुणवत्ता खराब
इन शहरों के अलावा कई अन्य शहरों की वायु गुणवत्ता खराब दर्ज की गई है। मुजफ्फरनगर का एक्यूआई 299, हरियाणा के बहादुरगढ़ का 284, मानेसर का 280। राजस्थान के भरतपुर और भिवाड़ी का वायु गुणवत्ता सूचकांक 261 दर्ज किया गया है। वहीं, हरियाणा के कुरुक्षेत्र में वायु गुणवत्ता सूचकांक 256 पाया गया है। जबकि, गुरुग्राम में एक्यूआई 255, मेरठ में 253, गाजियाबाद में 246 और करनाल में 243 दर्ज किया गया।
वायु गुणवत्ता को लेकर हुई बैठक
दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने ग्रैप के दूसरे चरण के क्रियान्वयन पर चर्चा के लिए सोमवार दोपहर एक बैठक बुलाई। बैठक में वायु गुणव्तता प्रबंधन आयोग की उप समिति ने आने वाले दिनों में हवा की गुणवत्ता और खराब होने की आशंका जताई है। बैठक के दौरान राय ने कहा कि दिल्ली में ठंड बढ़ने लगी है और हवा की गति कम हो गई है, इससे प्रदूषण में वृद्धि हो सकती है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में जीआरएपी का दूसरा चरण लागू कर दिया गया है। आगे उन्होंने कहा कि मौसम हमारे हाथ में नहीं है और लेकिन बिगड़ते हालात को नियंत्रित करने की आवश्यकता है ताकि लोगों के स्वास्थय पर प्रदूषण का प्रभाव जितना संभव हो उतना कम हो