नई दिल्ली : अमेरिका, चीन और रूस के बाद भारतीय वायुसेना विश्व की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना है. 8 अक्टूबर यानी कि आज का दिन IAF को समर्पित है. यह दुनिया में अपना दबदबा बना चुकी है. लेकिन भारतीय वायुसेना ने दुनिया के सामने ये दर्ज़ा 9 दशक के सफर के बाद हासिल किया गया […]
नई दिल्ली : अमेरिका, चीन और रूस के बाद भारतीय वायुसेना विश्व की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना है. 8 अक्टूबर यानी कि आज का दिन IAF को समर्पित है. यह दुनिया में अपना दबदबा बना चुकी है. लेकिन भारतीय वायुसेना ने दुनिया के सामने ये दर्ज़ा 9 दशक के सफर के बाद हासिल किया गया है. भारतीय वायुसेना के इस सफर के साथ पिछले 90 सालों का स्वर्णिम इतिहास जुड़ा है. आज भारतीय वायुसेना के पास पांच बड़ी ताकते हैं जिससे दुनिया में IAF का दबदबा है. आइए जानते हैं बीते 9 दशक में कितनी एडवांस हुई भारतीय वायुसेना।
36 राफेल लड़ाकू विमान IAF के साथ सेवा में हैं. राफेल ने भारत की शक्ति में बहुत बड़ा इज़ाफ़ा किया है. यह उल्का और हैमर जैसी मिसाइलों से लैस है वहीं मल्टीरोल होने के कारण दो इंजन वाला (टूइन) राफेल फाइटर जेट एयर-सुप्रेमैसी यानी हवा में अपनी बादशाहत कायम करने के साथ-साथ दुश्मन को उसकी सीमा में घुसकर मात दे सकता है. राफेल के आसमान में उड़ने से कई सौ किलोमीटर तक भी दुश्मन के विमान, हेलीकॉप्टर या फिर ड्रोन कांपते हैं. राफेल को इस समय देश का मल्टी रोल लड़ाकू विमान भी कहा जा सकता है.
साल 2016 में भारत सरकार ने ब्रह्मोस के हवा से मारने में सक्षम वेरिएंट को 40 से अधिक सुखोई लड़ाकू विमानों में जोड़ने का निर्णय लिया था. यह निर्णय जमीन या समुंद्र से किसी लक्ष्य पर बड़े ‘स्टैंड-ऑफ रेंज’ से हमला करने की भारतीय वायुसेना की क्षमता को बढ़ाने के लिए की गई थी.
मिग-29, को बाज़ के रूप में भी जाना जाता है यह एक समर्पित वायु श्रेष्ठता सेनानी है. मिग-29 सुखोई-30 एमकेआई के बाद भारतीय वायुसेना की दूसरी रक्षा पंक्ति का गठन करता रहा है. इस समय IAF की सेवा में 69 मिग-29 हैं. इनमें से सभी को हाल ही में मिग-29यूपीजी मानक में अपग्रेड किया गया है.
इसे भारतीय वायुसेना में वज्र के रूप में जाना जाता है. वर्तमान में आईएएफ 49 मिराज 2000 एच और 8 मिराज 2000 टीएच को संचालित कर रहा है, इनमें से सभी को भारतीय विशिष्ट संशोधनों के साथ मिराज 2000-5 एमके 2 मानक में अपग्रेड किए जाने की योजना है. दूसरी ओर 2 मिराज 2000-5 एमके 2 मार्च 2015 तक ही IAF की सेवा में हैं.
घरेलू रूप से निर्मित एचएएल तेजस से आईएएफ मिग-21 को बदला जाना है. पहली तेजस IAF इकाई, नंबर 45 स्क्वाड्रन IAF फ्लाइंग डैगर्स का गठन 1 जुलाई 2016 को हुआ था जिसके बाद 27 मई 2020 को नंबर 18 स्क्वाड्रन IAF “फ्लाइंग बुलेट्स” का गठन हुआ. फरवरी 2021 में भारतीय वायुसेना ने 123 तेजस का ऑर्डर दिया था जिसमें 40 मार्क 1, 73 सिंगल-सीट मार्क 1 एएएस और 10 टू-सीट मार्क 1 ट्रेनर आज IAF की सेवा में हैं.
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