September 24, 2024
  • होम
  • सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देगा AIMPLB, कहा तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को गुजारा भत्ता देना गलत

सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देगा AIMPLB, कहा तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को गुजारा भत्ता देना गलत

  • WRITTEN BY: Zohaib Naseem
  • LAST UPDATED : July 15, 2024, 11:59 am IST

AIMPLB :ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने इस्लामी कानून (शरिया) का हवाला देते हुए रविवार को घोषणा की कि वह तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को ‘इद्दत’ अवधि से परे गुजारा भत्ता मांगने की अनुमति देने वाले सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले को पलटवाने की कोशिश करेगा। बोर्ड का कहना है कि ‘किसी भी सरकार के पास मुस्लिम पर्सनल लॉ को चुनौती देने का अधिकार नहीं है।’

पूर्व पति भरण-पोषण का जिम्मेदार नहीं- AIMPLB

(AIMPLB) जो मूल रूप से सुन्नी मौलवियों का एक निकाय है, जिस ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाया और कहा कि, “यह मानवीय तर्क के साथ ठीक नहीं है कि पुरुषों को अपनी पूर्व पत्नियों के भरण-पोषण के लिए जिम्मेदार ठहराया जाए, भले ही विवाह अस्तित्व में न हो।” पैगंबर मुहम्मद और अल्लाह के अधिकार का हवाला देते हुए बोर्ड ने बताया कि यह शरिया के विपरीत है, जो केवल इद्दत अवधि के दौरान भरण-पोषण अनिवार्य करता है। इस अवधि के बाद, एक महिला पुनर्विवाह करने या स्वतंत्र रूप से रहने के लिए स्वतंत्र है, पूर्व पति अब उसके भरण-पोषण के लिए जिम्मेदार नहीं है।

बोर्ड ने अपने बयान में कहा कि यह निर्णय “उन महिलाओं के लिए और अधिक समस्याएँ पैदा करेगा, जो अपने दर्दनाक रिश्ते से सफलतापूर्वक बाहर निकल आई हैं”। बोर्ड की कानूनी समिति इस निर्णय को पलटने के तरीके तलाशेगी।

पूजा स्थल अधिनियम की “पुनर्स्थापना” कराएगा बोर्ड

बोर्ड ने उत्तराखंड में पारित समान नागरिक संहिता (यूसीसी) कानून को चुनौती देने का भी फैसला किया, साथ ही सरकार से इजरायल के साथ रणनीतिक संबंध तोड़ने और शत्रुता समाप्त करने के लिए दबाव डालने का आग्रह किया, और पूजा स्थल अधिनियम की “पुनर्स्थापना” कराने का निर्णय लिया।

कोर्ट का फैसला 

10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने पुष्टि की कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 125 मुसलमानों सहित सभी विवाहित महिलाओं पर लागू होती है, जिससे उन्हें अपने पतियों से भरण-पोषण का दावा करने की अनुमति मिलती है। तलाकशुदा महिलाओं को आर्थिक रूप से सहायता प्रदान करने वाले इस फैसले के लिए कोर्ट की प्रशंसा की गई है।

ये भी पढ़ेः-हां! हमसे गलती…यूपी चुनाव में झटका लगने के बाद भाजपा को याद आए पुराने कार्यकर्ता

 

Tags

विज्ञापन

शॉर्ट वीडियो

विज्ञापन

लेटेस्ट खबरें